
अगर पीरियड्स में हैं तो शारीरिक पूजा न भी करें, तो भी मन से भगवान शिव-पार्वती को याद करना ही सबसे बड़ा व्रत है।
व्रत का असली महत्व संकल्प से होता है। अगर मन में व्रत का निश्चय है,
अगर पूजा करना संभव न हो, तो मोबाइल या घर के किसी सदस्य के साथ हरतालिका तीज की कथा और आरती सुन लें।
आरामदायक और हल्के कपड़े पहनकर भी आप पूजा और व्रत में शामिल हो सकती हैं।
अगर पूजा न कर पाएं, तो बस दीपक जलाकर भगवान शिव-पार्वती को प्रणाम करें।
पूजा सामग्री छूना या तैयार करना मुश्किल लगे तो घर के अन्य सदस्य आपकी मदद कर सकते हैं।