Dussehra 2025: जाने लंकापति रावण के जीवन से जुड़ी रहस्यमयी बातें
Chhaya-sharma
Sep 25, 2025
Sep 25, 2025
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Dussehra 2025: जाने लंकापति रावण के जीवन से जुड़ी रहस्यमयी बातें
वैसे तो राजा-महराजा का रथ को घोड़े खींचते थे, वाल्मीकि रामायण के मुताबिक रावण के रथ में घोड़े नहीं बल्कि गधे लगे थे.
कहा जाता है कि रावण के पिता विश्रवा तो ऋषि थे,लेकिन उनकी माता कैकसी एक राक्षसी थीं. ऐसे में जब रावण का जन्म हुआ था तो उनका रूप बेहद भयानक था, जिसे देख ऋषि विश्रवा डर गए थे
लौंधन-धान्य और समृद्धि के देवताकुबेर लंकापति रावण के अग्रज भाई थे. शास्त्रों के अनुसार कुबेर, रावण के पिता ऋषि विश्रवा की पहली पत्नी इड़विड़ा के पुत्र थे.
ब्रह्मदेव के वरदान के बाद रावण ने देवलोग पर भी विजय प्राप्त कर ली थी और यमलोक पर भी अधिकार जमा लिया, इतनी ही नहीं रावण ने नरक भोग रही आत्माओं पर भी कब्जा किया था और उन्हें सेना में शामिल किया था
रावण को एक शाप भी मिला था, जो अप्सरा रंभा ने दिया था कि वो किसी भी स्त्री के साथ उसकी मर्जी के बिना संबंध नहीं बना सकता, यही वजह है कि रावण ने सीता मां को स्पर्श नहीं किया था
रावण ने भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था. उसने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्तोत्र की रचना की थी.
लौंरावण ने अपने पुत्र मेघनाद को अजेय बनाना के लिए सभी नवग्रहों को आदेश दिया कि वह मेघनाद की कुंडली में सही से बैठें. लेकिन शनिदेव यह नहीं माना, तब रावण ने उन्हें बंदी बना लिया.