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यहाँ नहीं लगते ताले! भारत के अजीबो-गरीब गाँवों की कहानियाँ

यहाँ नहीं लगते ताले! भारत के अजीबो-गरीब गाँवों की कहानियाँ

महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर गाँव अपनी अनोखे ट्रेडिशन के लिए फेमस है, यहाँ के घरों में दरवाजे और ताले नहीं होते  लोग मानते हैं कि भगवान शनि उनकी रक्षा करते हैं

शेगाँव गाँव में हर त्योहार पूरे गाँव का त्योहार बन जाता है, यहाँ जाति-धर्म से ऊपर उठकर सभी लोग एक परिवार की तरह मिलकर जश्न मनाते हैं.

कर्नाटक का मट्टूर गाँव संस्कृत भाषा के लिए जाना जाता है, यहाँ छोटे-बड़े सभी लोग संस्कृत में बातचीत करते हैं.

हिमाचल प्रदेश के कोध गाँव में दशहरा नहीं मनाया जाता, यहाँ के लोग मानते हैं कि रावण उनका कुल देवता है, इसलिए वे इस पर्व को मनाने से परहेज़ करते हैं.

मेघालय का उमलडोक गाँव में बेटियों को परिवार की संपत्ति और नाम दिया जाता है, महिलाओं की भूमिका समाज में सबसे बड़ी मानी जाती है.

तमिलनाडू के एक मंदिर में ऐसा माना जाता हैं की अगर सिर पर नारियल फोड़ा जाए तो देवता प्रसन्न होंगे

इन गाँवों की परंपराएँ दिखाती हैं कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता में है

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