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भूलकर भी घर के इन 5 जगहों पर बैठकर ना खाएं खाना, जेब हो जाएगी खाली

भूलकर भी घर के इन 5 जगहों पर बैठकर ना खाएं खाना, जेब हो जाएगी खाली  

भोजन केवल भूख मिटाने का साधन नहीं है, यह तन, मन और आत्मा को ऊर्जा प्रदान करने का माध्यम है। वास्तु शास्त्र भी इस बात पर ज़ोर देता है कि भोजन का प्रभाव न केवल शारीरिक स्तर पर, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी पड़ता है।

भोजन केवल भूख मिटाने का साधन नहीं है, यह तन, मन और आत्मा को ऊर्जा प्रदान करने का माध्यम है। वास्तु शास्त्र भी इस बात पर ज़ोर देता है कि भोजन का प्रभाव न केवल शारीरिक स्तर पर, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी पड़ता है।

वास्तु के अनुसार, भोजन करते समय  केवल खाद्य पदार्थ ही नहीं, बल्कि बैठने का स्थान, दिशा और वातावरण भी बहुत मायने रखते हैं। आइए जानते हैं घर की उन दिशाओं के बारे में जहाँ भोजन करने से स्वास्थ्य और शांति दोनों बिगड़ सकते हैं और धन की हानि भी हो सकती है।

बिस्तर पर बैठकर भोजन करना बिस्तर सोने और आराम करने की जगह है, ऐसा माना जाता है कि अगर बिस्तर पर बैठकर भोजन किया जाए, तो इसका तन और मन दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु के अनुसार, इससे मानसिक थकान, आलस्य और स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।

शौचालय या कूड़ेदान के पास बैठकर भोजन करना ये स्थान अशुद्ध माने जाते हैं। यदि आप इनके पास बैठकर भोजन करते हैं, तो शरीर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। इससे पाचन संबंधी समस्याएं, मानसिक असंतुलन और दुर्भाग्य भी हो सकता है।

मुख्य द्वार के सामने भोजन करना ऐसा माना जाता है कि बाहर से आने वाली ऊर्जा मुख्य द्वार से घर में प्रवेश करती है। वहाँ भोजन करने से मन और ध्यान दोनों विचलित होते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसी जगह भोजन करने से घर की शांति भंग हो सकती है।

टीवी या मोबाइल के सामने भोजन करना ये आधुनिक आदतें न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि वास्तु के अनुसार भोजन के प्रति अनादर भी दर्शाती हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मन विचलित रहता है। पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है और भोजन का शरीर पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता।

इस दिशा में बैठकर भोजन करें वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करना सबसे शुभ माना जाता है। ये दिशाएँ सूर्य ऊर्जा और पवित्रता से जुड़ी हैं। ऐसा करने से न केवल पाचन क्रिया बेहतर होती है, बल्कि शरीर और मन दोनों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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