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'Kisi ke baap ka Hindustan thodi hai', Diljit Dosanjh Punjabi film Sardarji 3 Rahat Indori sahab poem went viral after the controversy

'किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है', राहत इंदौरी की वो शायरी, जिसका दिलजीत दोसांझ ने कंट्रोवर्सी के लिए किया इस्तेमाल

दिलजीत दोसांझ की पंजाबी फिल्म ‘सरदारजी 3’ के रिलीज होने पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बवाल मचा हुआ है।

इसके बाद दिलजीत ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो पोस्ट किया जिसने इस विवाद में चिंगारी लगाने का काम किया।

इस दौरान दिलजीत ने साफ तौर पर कहा कि, ‘अगर वो खिलाफ हैं… तो रहने दो, जिंदगी काफी नहीं है। ये सब दुआ है, ये आसमान नहीं है। 

सबका खून मिला है इस मिट्टी में, हिंदुस्तान किसी के बाप की जागीर नहीं है।

अब हम आपको राहत इन्दोरी साहब की इस कविता को सुनाने जा रहे हैं। जिसे दिलजीत दोसांझ ने गाया है। 

अगर खिलाफ हैं, होने दो, जान थोड़ी है ये सब धुँआ है, कोई आसमान थोड़ी है

लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है

मैं जानता हूँ कि दुश्मन भी कम नहीं लेकिन हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है

हमारे मुंह से जो निकले वही सदाक़त है हमारे मुंह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है

जो आज साहिब-इ-मसनद हैं कल नहीं होंगे किराएदार हैं जाती मकान थोड़ी है

सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है

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