जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में नए मुख्यमंत्री को लेकर महासंग्राम रूकने का नाम नहीं ले रहा है। आधी रात तक राजधानी जयपुर में गहलोत और पायलट गुट के बीच खींचतान जारी रही। कल शाम 7 बजे जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग होनी थी, लेकिन आखिरी समय में ये मीटिंग कैंसिल हो गई।
बता दें कि रविवार शाम को गहलोत गुट के विधायकों ने आलाकमान को अपनी ताकत दिखाई। खबरों के मुताबिक करीब 90 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया हैं। अशोक गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी 80 फीसदी विधायकों के समर्थन की बात कही है।
बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने आलाकमान के सामने 3 शर्तें रखी हैं।
1- कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बाद हो नए मुख्यमंत्री का चयन।
2- संकट के वक्त सरकार के साथ रहने वाले 102 विधायकों में से ही नया सीएम चुना जाए।
3- अशोक गहलोत की सहमति के बाद ही नए सीएम का चेहरा तय किया जाए।
बता दें कि गहलोत खेमे के द्वारा ताकत दिखाने के बाद अब कांग्रेस हाईकमान दबाव में आ गया है। गहलोत गुट ने आलाकमान के सामने अब 3 शर्तें रख दी है। जानकारी के मुताबिक आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आ सकते हैं।
गौरतलब है कि अशोक गहलोत रविवार को जैसलमेर में तनोट माता के मंदिर में दर्शन और पूजा के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मीडिया में ये खबरें आ रही हैं कि वह मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि उनके लिए कोई पद पार्टी से बड़ा नहीं है। अशोक गहलोत ने कहा ’मैंने अगस्त में ही आलाकमान से कहा है कि अगला चुनाव ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व में लड़ा जाना चाहिए जिससे प्रदेश में फिर से कांग्रेस सत्ता में आ सके। चाहे इसके लिए मेरे नेतृत्व में चुनाव हो या किसी और के नेतृत्व में, जीत पार्टी की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान एकमात्र बड़ा राज्य बचा है, जहाँ कांग्रेस सत्ता में है, इसलिए इसे बनाए रखना है।
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