नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को GDP के आंकड़े जारी कर दिए हैं जिसके मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 फीसदी की दर से जीडीपी बढ़ी है. सरकारी डाटा के अनुसार पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में यह 8.7 फीसदी रही थी. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नए आंकड़ों में इसके 7 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी.
India's GDP grows 6.1% in the January-March quarter 2022-23 https://t.co/8mIKCqazPn
— ANI (@ANI) May 31, 2023
अनुमान से बेहतर
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से बुधवार को डाटा जारी किया गया है. इन आंकड़ों के अनुसार GdP Growth वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी या चौथी तिमाही में पिछली तिमाही से अधिक रही है. भारत की जीडीपी ग्रोथ जनवरी-मार्च 2023 में 6.1 फीसदी थी. ऐसे में सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर ये अच्छी खबर है. क्योंकि जो आंकड़े सामने आए हैं वो विश्लेषकों के पूर्वानुमान से भी बेहतर रहे हैं. कई ऐसी रिपोर्ट्स भी हैं जिसमें चौथी तिमाही में GDP की दर 4.9 से 5.5 रहने का अनुमान जताया गया था.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भी भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास नेGDP को लेकर अनुमान जाहिर किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें बिल्कुल भी सरप्राइज़ होने की जरूरत नहीं है यदि GDP Growth Rate 7 फीसदी से अधिक दर्ज की जाती है. आरबीआई गवर्नर ने बताया था कि इस बात की पूरी उम्मीद है कि पिछले वित्त वर्ष की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान से अधिक दर्ज़ हो.
क्या होती है जीडीपी?
किसी भी देश के लिए GDP बेहद जरूरी डाटा है जो देश की अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर दिखाता है. GDP दो तरह की होती है पहली Real GDP और दूसरी Nonimal GDP. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाते हैं. ते वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहा.
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