लखनऊ : आज इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में होने जा रहे निकाय चुनावों को लेकर ओबीसी आरक्षण पर अपना फैसला सुना दिया. जहां हाई कोर्ट ने 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट अधिसूचना रद्द करने और बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव करवाने का फैसला सुनाया है. साथ ही साथ कोर्ट ने आदेश करवाया है कि प्रदेश में जल्द ही निकाय चुनाव करवाए जाएं और ओबीसी आरक्षण के लिए नए सिरे से ट्रिपल टेस्ट करवाए जाएं.
नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा!
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) December 27, 2022
डिप्टी सीएम ने किया ट्वीट
इस फैसले के तुरंत बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि पिछले वर्ग के अधिकारों के लिए किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उनके ट्वीट के अनुसार,’नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा!’
सुप्रीम कोर्ट जाएगी योगी सरकार
इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर अपना फैसला सूना दिया है. फैसले के अनुसार यूपी में बिना ओबीसी आरक्षण के ही अब चुनाव करवाए जाएंगे. इसी कड़ी में अब बड़ी खबर आ रही है कि इलाहबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है. लखनऊ खंडपीठ ने सरकार की सारी दलीलों को नकारते हुए ओबीसी आरक्षण के बिना ही राज्य में निकाय चुनाव संपन्न करवाने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा दो न्यायमूर्तियों की खंडपीठ ने ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने का आदेश दिया है.
जल्द निकाय चुनाव कराने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार की सारी दलीलों को मानने से इंकार कर दिया है और निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को रद्द करके जल्द ही इसके संपन्न कराने का आदेश दिया है।
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