नई दिल्ली: गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष, खासकर गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा है. पूर्व और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक इस दौरान प्रधानमंत्री ने सबका ज़िक्र किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने गांधी परिवार पर सवाल भी दागा और पूछा, नेहरू सरनेम रखने से क्या शर्मिंदगी है?
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘नेहरू जी का नाम छूट जाता है तो कई लोगों का बाल खड़ा हो जाता है लेकिन आज गांधी परिवार का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम क्यों नहीं रखता है?’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘इतना बड़े और महान व्यक्ति का सरनेम आपको मंजूर क्यों नहीं है? परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते रहे हो? कुछ लोगों को समझना चाहिए कि सदियों पुराना देश जो जन-जन की पीढ़ियों से बना हुआ है आज किसी परिवार की जागीर नहीं है। वह आगे कहते हैं, ‘हमने खेल रत्न का पुरस्कार मेजर ध्यानचंद्र के नाम पर रख दिया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर अंडनाम में और स्वराज के नाम पर द्वीपों का नाम किया. देश नेताजी के योगदान के लिए आज तक गर्व करता है.’
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमने देश में 110 आकांक्षा जिलों की पहचान की है। निरंतर फोकस और प्रदर्शन की समीक्षा के कारण इन जिलों में शिक्षा, बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। इससे 3 करोड़ से ज्यादा आदिवासियों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता आम जनता है और यही कारण है कि हमने देश के 25 करोड़ परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस वाले ‘गरीबी हटाओ’ कहते थे, लेकिन 4 दशकों से अधिक समय तक उन्होंने कुछ नहीं किया। वहीं, हम देश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमने टेक्नोलॉजी की ताकत से वर्किंग कल्चर को बदला है। हमारा फोकस गति बढ़ाने और पैमाने बढ़ाने पर है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सच्ची धर्मनिरपेक्षता यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे।
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