नई दिल्ली: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत दी है. अल कादिर ट्रस्ट मामले के साथ-साथ उन्हें बाकी के सभी मामलों में जमानत मिल गई है. PTI के मुखिया इमरान खान की गिरफ्तारी पर भी 17 मार्च तक के लिए रोक लगा दी गई है. इस समय पूर्व पीएम इमरान खान पर कई बड़े मामले चल रहे हैं जिनमें से कुछ लाहौर हाई कोर्ट तो कुछ इस्लामाबाद उच्च न्यायलय में दर्ज़ हैं. शुक्रवार शाम को जब इमरान खान की जमानत अर्ज़ी पर सुनवाई हुई तो उस दौरान इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इस्लामाबाद और पंजाब पुलिस दोनों मौजूद थीं जहां दोनों के बीच इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर बहस भी हुई.
फिलहाल पाकिस्तान अस्थिर है PTI के समर्थक इमरान खान को राहत मिलने के बाद भी देश भर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच आपके लिए भी ये जानना जरूरी है कि इमरान खान के खिलाफ कौन से मामले चल रहे हैं और उनमें अब तक क्या-क्या हुआ जो पाकिस्तान और इमरान खान के लिए परेशानी का सबब बने हुए है.
दरअसल इमरान खान के खिलाफ 121 से अधिक FIR दर्ज़ है जिसमें प्रमुख मामले तोशाखाना केस,अल कादिर ट्रस्ट मामला, महिला जज को धमकी, 9 मई को हुए दंगे के अलावा देशद्रोह का मामला, ईशनिंदा और आतंकवाद को उकसाने का मामला भी शामिल है. तोशाखाना और महिला जज से अपमान वाले मामले में इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था लेकिन कुछ मामले ऐसे भी थे जिसे पार कर पाना पीटीआई प्रमुख के लिए आग के दरिया से कम नहीं होगा.
अल-कादिर प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी, उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने किया था, इस ट्रस्ट का उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ प्रदान करने का था. इसके लिए अल-कादिर यूनिवर्सिटी को स्थापित किया जाना था. हालांकि इमरान खान और संबंधित लोगों पर आरोप है कि उन्होंने दान की गई जमीन के दस्तावेज़ों में हेरफेर की. यूनिवर्सिटी के लिए दान दी गई जमीन को गैर कानूनी तरीके से इमरान और उनकी बीवी ने हड़प लिया और पाक के सबसे अमीर शख्स मलिक रियाज को गिरफ्तारी का डर दिखाकर अरबों रुपये की जमीन अपने नाम करा ली.
तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहाँ अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को सहेज कर रखा जाता है, नियमों के मुताबिक, किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में ही रखा जाता है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान साल 2018 में पीएम बने थे, उस समय उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे तोहफे मिले थे, साथ ही उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करवा दिया था, लेकिन फिर बाद में इमरान खान ने तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा इजाज़त भी दी थी.
इसी साल मार्च महीने में इमरान खान पर महिला जज को धमकी देने और उनका अपमान करने का आरोप लगा था. इसके बाद इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. पूरा मामला इस्लामाबाद जिला अदालत की सेशन जज जेबा चौधरी को धमकी देने से जुड़ा है..इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने महिला जज को देख लेने को कहा था. हालांकि बाद में इमरान खान ने एक रैली में कहा कि जज जेबा चौधरी जानती थीं कि उनकी पार्टी के नेता को जेल में प्रताड़ित किया गया है लेकिन फिर भी उसे जमानत नहीं दी गई. इसके बाद इमरान खान ने जेबा चौधरी को देख लेने को कहा जिस बयान को धमकी भरा मानते हुए उनके ऊपर आतंकवाद की धाराओं में मुकदमा दर्ज़ हुआ था.
जब 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी हुई तो देशभर के कई शहरों में PTI समर्थकों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किए. सड़कों पर उतरकर पीटीआई समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया. रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर भी हमला हुआ. ये हिंसक भीड़ यहीं नहीं रुकी उपद्रवियों ने लाहौर में आर्मी के कोर कमांडर के घर हमला किया और चोरी कर फरार हो गए. इसके बाद इमरान खान के खिलाफ हिंसा भड़काने, देशद्रोह तथा अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज़ हुआ है. DIG पंजाब का कहना है कि वह इमरान खान के खिलाफ कम से कम 10 मामलों में गिरफ्तार करने के लिए आए हैं और उनके पास गिरफ्तारी का वारंट भी था. उधर शाहबाज़ शरीफ सरकार भी इमरान खान को अरेस्ट करने के लिए उतारू है.
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