वोडाफोन ने हाल ही में एक साधारण 4G/5G स्मार्टफोन से दुनिया का पहला सैटेलाइट वीडियो कॉल करके सैटेलाइट संचार की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाया है। यह उपलब्धि एलन मस्क की स्टारलिंक के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
नई दिल्ली : वोडाफोन ने हाल ही में एक साधारण 4G/5G स्मार्टफोन से दुनिया का पहला सैटेलाइट वीडियो कॉल करके सैटेलाइट संचार की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाया है। यह उपलब्धि एलन मस्क की स्टारलिंक के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। यह वीडियो कॉल वेल्स पर्वत के एक सुदूर इलाके से की गई थी, जहाँ कोई स्थलीय मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं था। वोडाफोन की सीईओ मार्गेरिटा डेला वैले के अनुसार, इस कॉल के लिए स्मार्टफोन में किसी हार्डवेयर अपग्रेड की आवश्यकता नहीं थी, जो सैटेलाइट कनेक्टिविटी में एक बड़ी तकनीकी छलांग है।
वोडाफोन की इस उपलब्धि को डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है। कंपनी 2026 तक इस सैटेलाइट सेवा को पूरे यूरोप में लॉन्च करने की योजना बना रही है। वहीं, स्टारलिंक भी अपनी सैटेलाइट आधारित सेवा पर काम कर रही है, लेकिन वोडाफोन की इस सफलता ने कंपनी के लिए एक नई चुनौती पेश कर दी है।
स्टारलिंक इस समय में टी-मोबाइल के सहयोग से अमेरिका में अपनी डायरेक्ट-टू-सेल तकनीक का परीक्षण कर रही है, जबकि वोडाफोन पहले ही अपनी सैटेलाइट वीडियो कॉलिंग सेवा का सफलतापूर्वक प्रदर्शन कर चुका है, जो संचार के भविष्य में क्रांति ला सकता है।
एलन मस्क की स्टारलिंक वर्तमान में टी-मोबाइल के साथ मिलकर डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सेवा का परीक्षण कर रही है। लॉन्च होने के बाद, यह सेवा उपयोगकर्ताओं को बिना किसी ग्राउंड नेटवर्क के सैटेलाइट कॉल करने की अनुमति देगी, खासकर आपातकालीन स्थितियों में। इस सेवा को Apple और कुछ Android डिवाइस में एकीकृत किया गया है, लेकिन इसका वैश्विक रोलआउट होना अभी बाकी है।
स्टारलिंक भारत जैसे बाजारों में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने के लिए तैयार है, जहां इसे हाल ही में सरकारी मंजूरी मिली है। हालांकि, वोडाफोन की शुरुआती सफलता एलन मस्क की कंपनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है।
जैसे-जैसे सैटेलाइट तकनीक आगे बढ़ रही है, वोडाफोन की ब्लूबर्ड सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा और स्टारलिंक के बीच प्रतिस्पर्धा तेज होती जाएगी। ये दोनों ही कंपनियां दुनिया में कनेक्टिविटी को नए स्तर पर ले जाने की दिशा में काम कर रही हैं। आने वाले समय में वैश्विक संचार के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जहां कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने से आसानी से कनेक्ट रह सकेगा।
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