पश्चिम बंगाल : कोलकाता के आरजी कर रेप और मर्डर मामले में आरोपी को निचली अदालत ने उमकैद की सजा सुनाई थी। इस सजा को फांसी में बदलने के लिए बंगाल सरकार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बंगाल सरकार की मांग है कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए। कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
कोलकाता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की अपील स्वीकार कर ली, जिसमें आरजी कर अस्पताल रेप -मर्डर मामले के दोषी संजय रॉय को निचली अदालत की तरफ से सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी गई है. सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने रॉय को मौत की सजा सुनाने का अनुरोध करते हुए हाई कोर्ट में अपील दायर की थी.
सियालदह कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह अपराध जघन्य अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। जिसके चलते दोषी को मौत की सजा दी जा सकती है। कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। इस मामले में सीबीआई ने आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला थाने के अधिकारी अभिजीत मंडल को भी सबूत नष्ट करने के कथित प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन समय सीमा के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं करने पर दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के माता-पिता ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 17 मार्च को ही करेगा। पीड़िता के माता-पिता भी आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता के नामी सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर का शव मिला था। शव पर गंभीर चोटों के निशान थे। उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने घटना के अगले ही दिन एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इस दिल दहला देने वाली घटना के खिलाफ राज्य के साथ-साथ देश भर में अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है।