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महाकुंभ भगदड़ में मरे हुए शख्स ने तेहरवीं पर घर लौटते ही किया चौंकाने वाला सवाल, लोग रह गए दंग

किसी व्यक्ति को मृत मानकर उसकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करवाया जाए, ब्राह्मणों को भोजन कराया जाए और फिर वह अचानक जीवित होकर वापस आ जाए, तो सोचिए लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी....

mahakumbh 2025 incident
  • February 15, 2025 6:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली:  किसी व्यक्ति को मृत मानकर उसकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करवाया जाए, ब्राह्मणों को भोजन कराया जाए और फिर वह अचानक जीवित होकर वापस आ जाए, तो सोचिए लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी। ऐसा ही एक अजीबो-गरीब वाकया प्रयागराज में हुआ, जब 60 साल के खुन्टी गुरु, जिन्हें महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद मृत समझ लिया गया था, अपनी ही तेहरवीं के दिन अचानक घर लौट आए। लोग पहले तो हैरान हुए, फिर गुस्से में आए, लेकिन अंत में खुशी से झूम उठे। आइए जानते हैं पूरा मामला

महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद लापता हो गए थे

खुन्टी गुरु, जो प्रयागराज में रहते हैं, 29 जनवरी को महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद लापता हो गए थे और बाद में मृत मान लिए गए थे। 60 वर्षीय खुन्टी गुरु अपनी ही तेहरवीं के दिन मुस्कुराते हुए घर लौटे। जैसे ही उनका पिंडदान और ब्राह्मण भोजन की तैयारी चल रही थी, वह ई-रिक्शा से उतरे और पूछा, “क्या कर रहे हो भाई?” यह सुनकर लोग पहले थोड़े नाराज हुए, लेकिन फिर खुशी से मिठाइयां बांटने लगे।

मौनी अमावस्या के स्नान के लिए गए थे

28 जनवरी को खुन्टी गुरु संगम में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए गए थे और उसके बाद लापता हो गए थे। भगदड़ के बाद उनकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला, जिससे यह मान लिया गया कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके परिवारवालों और मोहल्लेवालों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-अर्चना की और ब्राह्मणों को भोजन कराया।

मोहल्ले के लोग उन्हें बहुत पसंद करते हैं

खुन्टी गुरु जीरो रोड इलाके के एक छोटे से कमरे में रहते हैं, जो पहले उनके पुश्तैनी घर का हिस्सा था। उनके पिता एक नामी वकील थे, लेकिन खुन्टी गुरु ने साधु-संतों के साथ समय बिताना शुरू किया और अपनी अलग राह चुनी। मोहल्ले के लोग उन्हें बहुत पसंद करते हैं, क्योंकि वह हमेशा मजेदार कहानियाँ और हंसी-मजाक सुनाते रहते हैं। स्थानीय दुकानदार उन्हें खाने-पीने और कपड़े मुहैया कराते हैं, बदले में खुन्टी गुरु उन्हें अपनी मजेदार बातें सुनाते हैं।

चिलम पी और लंबी नींद लग गई

जब उनसे पूछा गया कि वह इतने दिन कहां थे, तो खुन्टी गुरु ने हंसते हुए कहा, “कुछ साधुओं के साथ बैठकर चिलम पी और लंबी नींद लग गई, शायद कुछ दिन के लिए।” उन्होंने बताया कि बाद में वह नागा साधुओं के एक शिविर में चले गए, जहां भंडारे का आनंद लिया और साधुओं की सेवा की। अब जब वह वापस लौटे हैं, तो मोहल्ले में उनकी वापसी को लेकर कोई शिकायत नहीं है। लोग खुश हैं कि उनका प्यारा खुन्टी गुरु सही-सलामत लौट आया है।

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