समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपने विचार व्यक्त किये. मंगलवार 11 फरवरी को अपने भाषण में अखिलेश ने महाकुंभ में गड़बड़ी का दावा किया था. वहीं अब सवाल यह उठता है कि आखिर उसने ऐसी बात क्यों कि. तो आइए आपको विस्तार से बताते हैं.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपने विचार व्यक्त किये. मंगलवार 11 फरवरी को अपने भाषण में अखिलेश ने महाकुंभ में गड़बड़ी का दावा किया था. जब सपा मुखिया महाकुंभ के मुद्दे पर बोल रहे थे तो एक बीजेपी सांसद ने उन्हें हिंदू विरोधी कह दिया. लोकसभा में अखिलेश यादव ने कुंभ व्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया, जिस पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आपत्ति दर्ज कराई. जब अखिलेश यादव कुंभ में अव्यवस्था की बात करने लगे तो निशिकांत दुबे ने आपत्ति जताते हुए उन्हें हिंदू विरोधी बता दिया.
इसके बाद अखिलेश के बयान पर संसद में हंगामा मच गया. हंगामा थमने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि अगर जमीन की समस्या नहीं दिखती तो चांद पर पहुंचने का क्या फायदा. कुंभ में अव्यवस्था से सभी सनातनी दुखी थे। , जाम हटाने के लिए दो सीएम नियुक्त करने पड़े. लोगों की परेशानी के चलते उन्हें संस्था के लोगों से मदद की गुहार लगानी पड़ी। कन्नौज सांसद ने कहा कि वह जीतल इंडिया की बात करते हैं लेकिन कुंभ में कितने लोग मरे और कितने लोग खोये, इसका आंकड़ा नहीं दे सके.
बजट पर अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, ‘यह बजट एक लक्षित बजट है, यह बजट उन लोगों पर केंद्रित है जो बहुत अमीर हैं, बड़े लोग हैं, उद्योगपति हैं. यह बजट उनके लिए बनाया गया है. मुझे इसमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का कोई रोडमैप नजर नहीं आता और रोडमैप इसलिए नजर नहीं आता क्योंकि बजट आते ही हमने वो तस्वीरें देखीं. क्या इस देश के लिए 10 बजट इसलिए बनाए गए थे कि जब 11वां बजट आएगा तो पूरा देश और पूरी दुनिया देखेगी कि भारत के लोगों को हथकड़ी लगाकर वापस भेज दिया गया।
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