र्षा ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से गुरु दीक्षा ली थी। मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान हर्षा ने भगवा वस्त्र पहनकर गंगा में डुबकी लगाई थी। इसके बाद महाकुंभनगरी में विवाद खड़ा हो गया था।
नई दिल्ली : हर्षा मूल रूप से यूट्यूबर हैं। उनका जन्म भी झांसी के मऊरानीपुर में हुआ था। बाद में उनका परिवार भोपाल आ गया। हर्षा अब उत्तराखंड में रहती हैं। हर्षा ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से गुरु दीक्षा ली थी। मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान हर्षा ने भगवा वस्त्र पहनकर गंगा में डुबकी लगाई थी। इसके बाद महाकुंभनगरी में विवाद खड़ा हो गया था।
ज्योतिष पीठ के पीठाधीश्वर और शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इसकी निंदा करते हुए इसे सनातन धर्म का अपमान बताया। उनके साथ ही शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने भी मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि मॉडल हर्षा का भगवा वस्त्र पहनकर स्नान करना त्याग की परंपरा को भोग की परंपरा में बदल रहा है। संतों के विरोध के चलते मामले ने मीडिया में भी तूल पकड़ा। गुरुवार रात हर्षा ने इन बातों पर दुख जताते हुए कुंभ नगरी छोड़ने का ऐलान कर दिया।
उन्होंने एक वीडियो के जरिए कहा कि युवावस्था में वह सनातन धर्म को करीब से समझने के लिए यहां आई थीं, लेकिन वह अपने गुरु का अपमान होते नहीं देख सकतीं। इसी वजह से वह समय से पहले कुंभ नगरी छोड़ रही हैं। उधर, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस पूरे विवाद को अनावश्यक बताया। उनका कहना है कि उन्होंने भी उसी तरह स्नान किया, जैसे उनके अन्य अनुयायी करते हैं। उन्हें साध्वी के तौर पर कोई दीक्षा नहीं दी गई है।
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