मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग के बाद से ही समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव हमलावर दिख रहे हैं। एक बार फिर उन्होंने निशाना साधा है। अखिलेश के निशाने पर मतदान कराने वाले अधिकारी और चुनाव आयोग बना हुआ है। वह लगातार मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी का दावा करते दिख रहे हैं।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम समाजवादी पार्टी (सपा) के पक्ष में नहीं रहा। मतदान के बाद से ही सपा लगातार प्रशासन पर हमलावर रही। सपा ने मतदान से पहले भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान जिला प्रशासन को निशाना बनाते हुए आरोप लगाया कि अयोध्या के डीएम ने हेलिकॉप्टर को उतरने नहीं देने की साजिश रची थी। हालांकि, इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया। चुनाव के दिन भी अयोध्या प्रशासन सपा के निशाने पर रहा।
मिल्कीपुर उपचुनाव के परिणाम के बाद अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए उनके खिलाफ एक बयान दिया। सपा अध्यक्ष ने चुनाव कराने वाले कुछ अधिकारियों को ‘लोकतंत्र के जांबाज’ अवार्ड देने का प्रस्ताव किया और इसके लिए पांच नामों का जिक्र किया। इससे यह साफ है कि सपा अध्यक्ष हार को स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं और उनके बयान पर चर्चा शुरू हो गई है।
अखिलेश यादव ने जिन लोगों को अवार्ड देने का सुझाव दिया, उनमें पहला नाम उस व्यक्ति का था, जिसने भाजपा के पक्ष में अकेले छह वोट डाले थे, जिनका दावा था कि उसने ‘मतदान के महान अधिकार’ को छह बार निभाया। इस संदर्भ में चुनाव के दिन एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति यह दावा करते हुए नजर आ रहे थे कि उन्होंने छह बार मतदान किया था।
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने ऐसे लोगों को भी अवार्ड देने की बात की, जिन्होंने मृतकों के नाम से वोट डाले या उन लोगों से मतदान करवाया जो कहीं और ड्यूटी पर थे। उन्होंने कहा कि उन कर्मचारियों को अवार्ड मिलना चाहिए जिन्होंने इन कामों को अंजाम दिया और लोगों से मतदान करवाने का प्रयास किया।
अभी भी अयोध्या के राजा श्रीराम नहीं अवधेश हैं?
इस अहंकारी आदमी को जनता ने ऐसा तमाचा जड़ा है , फिर भी इसने हार का बहाना ढूंढ लिया?
2027 में इससे अधिक दुर्गति होगी, जनता यही होगी, चुनाव आयोग भी यही होगा, प्रशासन भी यही होगा।
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) February 9, 2025
सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ऐसे अधिकारियों को अवार्ड मिलना चाहिए जिन्होंने सत्ताधारियों के आदेशों का पालन करते हुए अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से पूरा किया। इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग पर हमला करते हुए यह सुझाव दिया कि चुनाव कराने वाले खुद को अवार्ड दें, क्योंकि उन्होंने निष्पक्ष चुनावों की परंपरा का उल्लंघन किया है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर सवाल उठने लगे, जिसमें बुजुर्ग व्यक्ति दावा कर रहे थे कि उन्होंने छह वोट डाले थे। कुछ यूजर्स ने वीडियो की सच्चाई जानने की बात की और इस पर चर्चा शुरू कर दी।
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