प्रयागराज में आज से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के शुभारंभ पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। महाकुंभ का आयोजन हर 144 साल में होता है, जिसे 'महाकुंभ' कहा जाता है।
लखनऊ: प्रयागराज में आज से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया है। पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने पहले ‘अमृत स्नान’ के साथ आस्था की डुबकी लगाई। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के शुभारंभ पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। बता दें उन्होंने ट्वीट कर कहा “पौष पूर्णिमा की शुभकामनाएं। विश्व के सबसे विशाल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ’ का प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। सभी संतों, श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का इस पावन अवसर पर स्वागत है। मां गंगा सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करें।”
महाकुंभ के पहले दिन श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिल रहा है। ब्रह्ममुहूर्त में संगम तट पर श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच रहे है और मां गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं। भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का यह अद्भुत आयोजन समरसता और समानता का संदेश देता है। संगम तट पर जाति, धर्म और वर्ग से परे सभी एक समान नजर आए।
पौष पूर्णिमा की बधाई।
विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है।
अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 12, 2025
महाकुंभ का आयोजन हर 144 साल में होता है, जिसे ‘महाकुंभ’ कहा जाता है। मान्यता है कि 12 पूर्ण कुंभ के बाद महाकुंभ का आयोजन केवल प्रयागराज में होता है। हर 12 साल में लगने वाले कुंभ मेले को पूर्ण कुंभ और 6 साल में आयोजित मेले को अर्धकुंभ कहा जाता है। अर्धकुंभ केवल प्रयागराज और हरिद्वार में आयोजित होता है। इस बार के महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं और संतों के भाग लिया है। संगम तट पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आराधना कर अपने परिवार और देश की समृद्धि की कामना की।
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