उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन बड़ा हादसा हुआ, जब भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। अलग-अलग राज्यों से गंगा स्नान करने आए लोगों की भगदड़ में मौत हो गई। इसे लेकर बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि गंगा तट पर मरने वाले लोगों को मोक्ष मिलता है, इसलिए इसे मोक्ष माना जाना चाहिए न कि दुर्घटना। अब धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर उमा भारती ने प्रतिक्रिया दी है।
प्रयागराज : उमा भारती धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, “यह सही है कि कुंभ में स्नान करने से मोक्ष मिलता है, लेकिन वहां लोग कुचलकर और दर्द से तड़पकर मर गए, यह मोक्ष नहीं है। जो लोग जीवित हैं, उनके परिवार के लोग भगदड़ में दर्द से मर गए, उन्होंने क्या पाप किया?”
उमा भारती ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नसीहत भी दी है। उन्होंने कहा है, “मुझे लगता है कि संतों को अपनी संवेदना का ध्यान रखना चाहिए और इसके प्रति सजग भी होना चाहिए।”
उमा भारती ने आगे कहा कि महाकुंभ में भगदड़ मचना हमारे लिए दुख की बात है कि हम उनकी जान नहीं बचा पाए। जांच एजेंसियां निष्पक्ष जांच कर रही हैं। जल्द ही नतीजे सामने आएंगे और पता चल जाएगा कि भगदड़ कैसे मची। उमा भारती ने कहा कि शवों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उमा भारती ने कहा, “कमिश्नर का एक वीडियो सामने आ रहा है, जिसमें वह लोगों से स्नान करने की अपील कर रहे हैं। इसके बाद अचानक बैरिकेड हटा दिए जाते हैं और लोग भाग जाते हैं। यह भी सच है कि वहां कई लोगों की मौत हुई है। अचानक भगदड़ की स्थिति कैसे पैदा हुई या किसने पैदा की, यह सामने आना चाहिए। जो हुआ वह दुखद और शर्मनाक है।”
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