राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को पटना में हुई। पार्टी की कार्यकारिणी ने तेजस्वी यादव को राजद का अध्यक्ष नियुक्त किया।
पटना : पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में अभी भी कोई संशय नहीं है। आरजेडी में उनकी स्थिति को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। शनिवार को पटना में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक बात तय हो गई कि आने वाले समय में लालू प्रसाद यादव और उनके छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को बराबर का अहम माना गया है। इसके साथ ही यह भी तय हुआ कि आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इस साल अक्टूबर की जगह अप्रैल में होगा।
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने प्रस्ताव पेश किया कि राजद का मौजूदा सांगठनिक सत्र 10 अक्टूबर 2025 को समाप्त होने वाला है और चूंकि इस साल सितंबर-अक्टूबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए सांगठनिक सत्र 2025-28 का चुनाव कार्यक्रम पहले करा लिया जाए। इसे देखते हुए 2025-28 के लिए प्राथमिक और सक्रिय सदस्य बनाने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 तय की गई है। इस बार अप्रैल में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने की तैयारी है, ताकि बिहार विधानसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ा जा सके और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाई जा सके। सांगठनिक चुनाव के लिए पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे को राष्ट्रीय मुख्य चुनाव पदाधिकारी बनाया गया है। पार्टी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन को सहायक राष्ट्रीय मुख्य चुनाव पदाधिकारी बनाया गया है।
हैरानी की बात यह रही कि पिछले कुछ दिनों से राजद कार्यालय नहीं आने वाले प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी नहीं दिखे। इतना ही नहीं उनके बेटे और सांसद सुधाकर सिंह भी बैठक में शामिल नहीं हुए। जबकि सभी वरिष्ठ नेताओं को पहले ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया गया था। पिता-पुत्र के नहीं आने के बाद राजनीतिक गलियारों में कई सवाल उठने लगे हैं।
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