UPSC Reservation: इस समय IAS पूजा खेडकर चर्चा में हैं. पुणे पुलिस उस पर नजर रख रही है. IAS अधिकारी पर लाल बत्ती चलने और अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. जिसके बाद उनका ट्रांसफर पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम कर दिया गया है. उनके पिता भी एक रिटायर्ड ऑफिसर हैं और उन्होंने राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया है. IAS पूजा ने UPSC को दिए हलफनामे में बताया था कि वह मानसिक रूप से बीमार हैं. और उन्हें दृष्टिदोष है. इसके बाद भी उनका चयन हो गया. आज हम आपको बताएंगे कि UPSC में किसे कितना कोटा मिलता है।
पूजा खेडकर ने UPSC परीक्षा में 821वीं रैंक हासिल की थी. संघ लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न रिक्रूटमेंट अभियान चलाये जाते हैं। जिसमें से सबसे बड़ी परीक्षा सिविल सर्विसेज है. हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन कुछ ही उम्मीदवार परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं। कई बार कम अंक वाले अभ्यर्थी भी चयनित हो जाते हैं। जबकि अधिक अंक वाले अभ्यर्थी रह जाते हैं। ऐसे में चयनित होने वाले उम्मीदवारों को कोटा का लाभ मिलता है।
मीडिया के रिपोर्ट्स के मुताबिक पूजा खेडकर ने UPSC में दिए अपने हलफनामे में कहा था कि उन्हें ‘दृष्टिदोष’ है. इसके अलावा वह मानसिक रूप से बीमार है. लेकिन चयन के बाद जब मेडिकल टेस्ट की बात आई तो वह इसमें शामिल नहीं हुईं. नियमों के मुताबिक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति भी अधिकारी बन सकता है या सरकारी नौकरी पा सकता है. कोटा का असर कटऑफ पर भी पड़ता है. अलग-अलग कैटेगरी के लिए कटऑफ भी अलग-अलग है.
अन्य जाति श्रेणी (OBC)- 27%, अनुसूचित जाति (SC) – 15%, अनुसूचित जनजाति (ST)- 7.5%, आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी (EWS) – 10%, और विकलांग, व्यक्ति (PWBD) – 4% इतना आरक्षण मिलता है.
UPSC के लिए आरक्षण के लिए कोई अलग पोर्टल या फॉर्म नहीं है। उम्मीदवारों को IAS आवेदन पत्र में अपनी संबंधित श्रेणी का चयन करना होगा. फॉर्म भरते समय, उम्मीदवार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं और आपको उन्हें DAF I और व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान वेरिफिकेशन के लिए जमा करना होगा. ध्यान रखें कि एक बार सबमिट करने के बाद कैटेगरी को किसी भी परिस्थिति में बदला नहीं जा सकता है।
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