लखनऊ। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में बरेली जिला जेल में बंद अशरफ की मदद करने वाले सभी अधिकारियों, सिपाही को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। मामले पर जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और पांच आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा एसआईटी ने जेल वार्डर समेत दो लोगों […]
लखनऊ। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में बरेली जिला जेल में बंद अशरफ की मदद करने वाले सभी अधिकारियों, सिपाही को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। मामले पर जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और पांच आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा एसआईटी ने जेल वार्डर समेत दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
इस मामले को लेकर बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने के बाद डीआईजी जेल आरएन पांडेय को जांच सौंपी गई थी। फिलहाल डीआईजी आरएन पांडेय ने डीजी जेल आनंद कुमार को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके बाद डीजी के निर्देश पर जेलर, डिप्टी जेलर के अलावा हेड जेल वार्डर ब्रजवीर सिंह, जेल वार्डर दानिश मेंहदी और दलपत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा एसआईटी ने पीलीभीत जेल जाकर वार्डर मनोज गौड़ को निलंबित कर गिरफ्तार किया है। वही बरेली जेल का वार्डर शिवहरि अवस्थी को भी मामले में निलंबित किया गया है।
वही जांच रिपोर्ट में डीआईजी जेल की जांच में जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला भी दोषी पाए गए हैं। उनके ही संरक्षण में माफिया का जेल में सिक्का चल रहा था। अब उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है, साथ ही अशरफ की जेल बदलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। जाहिर है कि बरेली जेल में उसका काफी बड़ा नेटवर्क है, ऐसे में उसके यहां रहने से दोबारा इसी तरह की स्थिति पैदा हो सकती है।
बता दें, निलंबित किए गए सभी आरोपियों पर जेल के नियमों की अनदेखी कर अशरफ को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था। जिसके बाद अशरफ को जेल में सहूलियत देने के मामले में आगे भी कई लोग कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। सरकार के सख्त रवैये को देखते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।