आज संभल कोर्ट में जामा मस्जिद सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी थी, लेकिन कोर्ट कमिश्नर के अनुरोध पर सुनवाई को आगे के लिए टाल दिया गया है। संभल की सर्वे रिपोर्ट अब 8 जनवरी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट कमिश्नर के मुताबिक हिंसा के चलते रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई, रिपोर्ट के लिए 10 दिन का समय मांगा गया है।
लखनऊः उत्तर प्रदेश का संभल इस समय राजनीति का केंद्र बना हुआ है। आज संभल कोर्ट में जामा मस्जिद सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी थी, लेकिन कोर्ट कमिश्नर के अनुरोध पर सुनवाई को आगे के लिए टाल दिया गया है। संभल की सर्वे रिपोर्ट अब 8 जनवरी को कोर्ट में पेश की जाएगी। कोर्ट कमिश्नर के मुताबिक हिंसा के चलते रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई, रिपोर्ट के लिए 10 दिन का समय मांगा गया है।
19 नवंबर को संभल कोर्ट ने शाही मस्जिद-मंदिर मामले में कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में जांच के आदेश दिए थे। रविवार को एक बार फिर जब यह टीम मस्जिद के सर्वे के लिए गई तो अचानक हिंसा भड़क गई। इस दौरान भीड़ ने टीम पर पथराव भी किया। हिंसा में पांच लोगों की जान भी जान भी चली गई, जिसके बाद से संभल विवाद पर राजनीति गरमा हुई है।
शाही जामा मस्जिद सर्वे मामले में अगली सुनवाई अब आठ जनवरी को होगी। चंदौसी कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से कई सवाल पूछे गए। मुस्लिम पक्ष मांग कर रहा है कि हिंदू पक्ष मस्जिद की जगह पर हरिहर मंदिर होने के सबूत पेश करे। सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्जिद के अंदर कई हिंदू प्रतीक मिले हैं। बताया जा रहा है कि मस्जिद में द्वारपाल शैली के दो खंभे हैं, वहीं खंभों पर कमल के फूल और अन्य पेंटिंग होने की बात भी कही गई है। मस्जिद के प्रांगण में एक बरगद का पेड़ मिला है जिसे मंदिर और आस्था का प्रतीक बताया गया है। कहा गया है कि मंदिर के अंदर और बाहर 50 आले हैं जहां मूर्तियां रखी जाती थीं।
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