जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में मुख्य रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर है। दोनों ही दलों ने कई दिग्गजों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी मैदान में हैं तो वहीं पूर्व सीएम और भाजापा नेता वसुंधरा राजे भी चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी चुनाव लड़ रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज उम्मीदवारों वाली वीआईपी सीटों पर सबकी नजर टिकी है।
अशोक गहलोत: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जोधपुर शहर से पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं और सरदारपुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे हैं। गहलोत 6वीं बार फिर से सरदारपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अशोक गहलोत के सामने भाजपा ने महेंद्र सिंह राठौड़ को खड़ा किया है। 2018 के चुनाव में अशोक गहलोत ने बीजेपी नेता शंभू सिंह खेतासर को 18478 वोट से हराया था।
सचिन पायलट: कांग्रेस नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर टोंक विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। भाजपा ने इस सीट से अजीत सिंह मेहता को टिकट दिया है। सचिन पायलट टोंक से मौजूदा विधायक हैं और उन्होंने 2018 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार यूनुस खान को 54 हजार से ज्यादा वोट के अंतर से हराया था।
वसुंधरा राजे: भाजपा नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस ने उनके सामने प्रेम बैरवा को प्रत्याशी बनाया है। वसुंधरा राजे पांच बार विधायक रह चुकी हैं। पहली बार 1985 में उन्होंने ढोलपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। बता दें कि वह 2003 से वह लगातार चौथी बार झालरापाटन से विधायक हैं और पांचवीं बार इसी सीट से किस्मत आजमा रही हैं।
राजेंद्र राठौड़: भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तारानगर सीट से चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने उनके सामने नरेंद्र बुढानिया को टिकट दिया है। राठौड़ सात बार विधायक रहे हैं। 2008 से 2013 तक वह तारानगर सीट से विधायक रह चुके हैं।
गोविंद सिंह डोटासरा: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं और चौथी बार चुनावी मैदान में हैं। भाजपा ने डोटासरा के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया को उम्मीदवार बनाया है।