उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने आज से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर दिया है। यूसीसी लागू होने से विवाह, तलाक और उत्तराधिकार कानून से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। अब मुस्लिम महिलाओं का न तो हलाला होगा और ही पुरुष चार शादियां कर पाएंगे.
नई दिल्ली। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने आज से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर दिया है। इसके साथ ही उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। यूसीसी लागू होने से विवाह, तलाक और उत्तराधिकार कानून से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। दरअसल भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान यूसीसी लागू करने का वायदा किया था। इसे लागू करके भगवा पार्टी ने अपना वायदा पूरा किया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य सेवक सदन में संहिता के नियमों और वेब पोर्टल का शुभारंभ करेंगे। धामी ने कहा कि यूसीसी लागू होने से यह सुनिश्चित होगा कि उत्तराखंड में लिंग, जाति, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव न हो। आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सभी भाजपा शासित राज्यों में यूसीसी लागू किया जाएगा। आइए जानते हैं उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से क्या बदलेगा।
1. विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके लिए ग्राम सभा स्तर पर विवाह पंजीकरण की सुविधा भी दी जा रही है। 6 महीने के अंदर विवाह पंजीकरण कराना होगा।
2. अब उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को पंजीकरण कराना होगा। लिव-इन रिलेशनशिप से अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे शादी के बाद पैदा हुए बच्चे की तरह सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे।
3-शादी के लिए लड़कियों की उम्र सभी धर्मों में एक जैसी होगी।
4-सभी धर्मों के लोगों को बच्चे गोद लेने का अधिकार होगा।
5-दूसरे धर्म के बच्चों को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
6-लड़कियों को विरासत में लड़कों के बराबर अधिकार मिलेंगे।
7-बहुविवाह और हलाला पर रोक लगेगी।
8. सभी जातियों और धर्मों में तलाक के लिए एक जैसे नियम होंगे।
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