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मैं गंदे पानी को नहीं छूता, लोगों को अंधविश्वास से बाहर निकलना चाहिए, मां गंगा को लेकर ये बोले राज ठाकरे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने देश की सबसे पवित्र नदी मां गंगा की स्वच्छता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत की कोई भी नदी साफ नहीं है. ठाकरे ने कहा, "मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की हालत के कई वीडियो देखे हैं, जहां लोग उसमें नहा रहे हैं और शरीर खुजलाते दिख रहे हैं।

Raj Thackeray, Holi river ganga
  • March 10, 2025 12:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने देश की सबसे पवित्र नदी मां गंगा की स्वच्छता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा आरोप लगाते हुए कहा कि भारत की कोई भी नदी साफ नहीं है और वर्षों से गंगा की सफाई को लेकर किए जा रहे दावे महज एक मिथक हैं। मनसे की 19वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की। इसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी कही, जिसको लेकर चर्चा होने लगी है.

लोग अंधविश्वास से बाहर आएं

राज ठाकरे ने बताया कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से पवित्र जल लेकर आए थे, लेकिन उन्होंने इसे पीने से इनकार कर दिया। ठाकरे ने कहा, “मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की हालत के कई वीडियो देखे हैं, जहां लोग उसमें नहा रहे हैं और शरीर खुजलाते दिख रहे हैं। यह पानी कैसे शुद्ध हो सकता है?” आगे मनसे प्रमुख ने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब से गंगा की सफाई की बातें हो रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि इस मिथक से बाहर निकलें। लोग अंधविश्वास से बाहर आएं। मैं उस गंगा के गंदे पानी को नहीं छू सकता, जिसमें करोड़ों लोग स्नान कर चुके हैं।”

पाप धोने की धारणा पर उठाए सवाल

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि गंगा में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं, यह सिर्फ एक अंधविश्वास है। उन्होंने पूछा, “अगर लोग प्रयागराज जाकर गंगा में डुबकी लगाते हैं, तो क्या वे सच में अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं? भारत में नदियों को माता माना जाता है, लेकिन कोई उन्हें साफ रखने की जिम्मेदारी नहीं लेता।” उन्होंने कहा, “विदेशों में नदियां बिल्कुल स्वच्छ हैं, लेकिन वहां कोई उन्हें पूजता नहीं। हमारे देश में लोग नदियों में नहाते हैं, कपड़े धोते हैं और वहां गंदगी फैलाते हैं। यह कहां तक सही है?”

“कोरोना में मास्क, अब गंगा में डुबकी?”

इसके अलावा राज ठाकरे ने कोविड महामारी का जिक्र करते हुए कहा, “कोरोना के दौरान लोग मास्क पहनकर घूम रहे थे, अब वही लोग गंगा में जाकर नहा रहे हैं। श्रद्धा का भी एक अर्थ होना चाहिए।” उनके इस बयान के बाद राजनीत में हलचल मच गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर सरकार या और बाकी दलों की क्या प्रतिक्रिया आती है।

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