भोपाल। मध्यप्रदेश में 3 मई, बुधवार यानी आज से लगभग 10 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल से पहले मंगलवार को सभी ने सांकेतिक हड़ताल की थी और आज सरकार के सामने अपनी मांगों के संबंध में प्रदर्शन करने वाले हैं।
सरकार ने सांकेतिक हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से बातचीत करने की कोशिश की जिसके दौरान डॉक्टरों ने मंत्रियों के सामने यह मांग रखी है कि जब तक केंद्र के समान DACP लागू नहीं की जाती है, तब तक वह हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। यह बैठक करीब 1 घंटे तक चली जिसके बावजूद भी कोई निराकरण नहीं निकला। बैठक का आयोजन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के घर पर हुआ। मंत्री प्रभु राम चौधरी के साथ गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सक संगठन के पदाधिकारी इसमें शामिल रहे।
जब मंत्रियों द्वारा कोशिश किए जाने के बाद भी हड़ताल का कोई निराकरण नहीं निकला तब देर रात CM शिवराज ने एक वर्चुअल मीटिंग के जरिए कलेक्टर और कमिश्नरों से बात की। मुख्यामंत्री शिवराज ने कहा कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवा बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होना चाहिए। साथ ही डॉक्टरों की हड़ताल को अनैतिक बताते हुए इस पर कार्रवाई किए जाने के बारे में भी चर्चा की।
इस हड़ताल का असर सबसे ज्यादा गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर पड़ेगा। साथ ही भोपाल और इंदौर समेत प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज,जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिकी केंद्रों पर इसका असर पड़ सकता है।
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