नई दिल्ली : कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों की आठवीं बैठक भी समाप्त हो चुकी है. जिसका कोई खास नतीजा सामने नहीं आया है. हालांकि अब अगले दौर की बातचीत के लिए नई तरीख, 15 जनवरी दे दी गई है. बता दें कि किसानों का यह प्रर्दशन पिछले डेढ महीने से चल रहा है. जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. लेकिन केंद्र सरकार लगातर किसानों को नए-नए प्रस्ताव देकर बीच का रास्ता निकलने की कोशिश में जुटी हुई है.
आज, दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई आठवीं वार्ता के दौरान सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े रहे. एक तरफ सरकार ने कहा कि वो कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी. वहीं, किसान नेताओं की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. इस बीच बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, कानून पूरे देश के लिए है न कि किसी राज्य के लिए. देश के किसान इन कानूनों को खूब समर्थन दे रहे हैं. किसान नेताओं को देश हित में आंदोलन को वापस लेना चाहिए. वहीं, किसानो़ं ने कहा कि वो कानून को वापस कराना चाहते हैं. इसके अलावा कुछ मंजूर नहीं.
बता दें कि इससे पहले, चार जनवरी को किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता हुई थी जो बेनतीजा रही थी. ऐसा ही इस बार देखने को मिला जब सरकार और किसानों के बीच कोई सुलहा नही हो पाई, क्योंकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं, वहीं सरकार ‘समस्या’ वाले प्रावधानों या गतिरोध को दूर करने के लिए अन्य विकल्पों पर ही बात करना चाहती है. गौरतलब है कि, कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की और से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश किसान यूनियनों की वर्ता में शामिल थे.
Kisan Andolan Update : आज किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत जारी, अपनी मांग पर अड़े किसान
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