लखनऊ: रविवार देर शाम अनवर-कासगंज रूट पर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की कोशिश की गई. इस दौरान ट्रेन ट्रैक पर रखे सिलेंडर से टकरा गई। वहीं गनीमत रही कि सिलेंडर फटा नहीं और सिलेंडर ट्रेन से टकराकर ट्रैक के किनारे गिर गया, जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया. ट्रेन के लोको पायलट ने तुरंत इस घटना की सूचना सीनियर अधिकारियों को दी, जिसके बाद रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF), रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे के उच्च अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
वहीं इस घटना की गंभीरता को देखते हुए अब मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी, जिसके लिए NIA की टीम कानपुर पहुंचेगी। RPF की शुरुआती जांच में घटनास्थल से एक सिलेंडर, पेट्रोल से भरी बोतल, माचिस और झोला बरामद हुआ। इतना ही नहीं झोले में बारूद जैसा संदिग्ध पदार्थ भी मिला है, जिसे लेकर RPF ने आतंकी साजिश की और आशंका जताई है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। इसके अलावा इलाके में मौजूद लोगों पर भी नज़र रखी जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने इस पूरे मामले की जांच के लिए 6 टीमें गठित की हैं, जबकि ATS और IB की टीमें भी इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं।
बता दें, उत्तर प्रदेश में यह तीसरी बार है जब इस तरह की घटना सामने आई है। इससे पहले 16 अगस्त को कानपुर के गोविंदपुरी में साबरमती एक्सप्रेस बोल्डर से टकराकर डिरेल हो गई थी, जिसमें इंजन सहित 22 कोच पटरी से उतर गए थे। दूसरी घटना 24 अगस्त को हुई थी, जब फर्रुखाबाद-कासगंज पैसेंजर ट्रेन के आगे ट्रैक पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रख दिया गया था, हालांकि ट्रेन की धीमी गति के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया। वहीं अब 8 सितंबर को कालिंदी एक्सप्रेस को सिलेंडर से टकराकर पलटाने की कोशिश की गई, लेकिन समय रहते ट्रेन को सुरक्षित बचा लिया गया। पुलिस और जांच एजेंसियां इस षड्यंत्र के पीछे के कारणों की तहकीकात में जुटी हैं।
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