इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली ने 17 दिसंबर को CJI संजीव खन्ना के नेतृत्व में जस्टिस यादव से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा था। इस मामले में उन्होंने एक महीने बाद प्रतिक्रिया दी है।
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा जस्टिस शेखर कुमार यादव को तलब किया गया था। उन्होंने नोटिस के एक महीने के बाद जवाब दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के शेखर यादव ने न्यायधीश संजीवन खन्ना को लिखे पत्र में कहा कि वो अपने कठमुल्ले वाले बयान पर अभी भी कायम हैं। ‘देश के लिए घातक हैं कठमुल्ले’ वाला उनका बयान कही से गलत नहीं है। इसमें कही से भी न्यायिक आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया है।
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली ने 17 दिसंबर को CJI संजीव खन्ना के नेतृत्व में जस्टिस यादव से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा था। इस मामले में उन्होंने एक महीने बाद प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि उनके भाषण को कुछ स्वार्थी तत्वों ने गलत तरीके से सबके सामने पेश किया। उन्होंने अपने बयान पर बिना खेद प्रकट करते हुए कहा कि सामजिक मुद्दों पर विचार व्यक्त करने के लिए ये बात कही थी न कि किसी विशेष समुदाय के प्रति नफरत फैलाने के लिए।
मालूम हो कि 8 दिसंबर को जस्टिस शेखर यादव ने कहा था कि मुझे कहने में जरा सी हिचक नहीं है कि यह देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों के अनुरूप चलेगा। ये जो कठमुल्ले हैं, यह सही शब्द नहीं है लेकिन कहने में परहेज नहीं करूंगा क्योंकि वो देश के लिए बुरे हैं। ये देश के लिए घातक हैं। जनता को भड़काने वाले लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
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