यूपी की कौशांबी पुलिस ने एक ऐसे नटवरलाल को गिरफ्तार किया है, जो चार विश्वविद्यालय का उप कुलपति रह चुका है। अब वह फर्जी तरीके से खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बता रहा रहा था और सरकारी प्रोटोकॉल व अन्य सुख सुविधाओं का लाभ उठा रहा था।
लखनऊ। यूपी की कौशांबी पुलिस ने एक ऐसे नटवरलाल को गिरफ्तार किया है, जो चार विश्वविद्यालय का उप कुलपति रह चुका है। अब वह फर्जी तरीके से खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बता रहा रहा था और सरकारी प्रोटोकॉल व अन्य सुख सुविधाओं का लाभ उठा रहा था। आरोपी नटवरलाल एक NGO का सदस्य भी है। पुलिस को उसके उसके पास से आईडी कार्ड, 42 विजिटिंग कार्ड, एक लाल नीली बत्ती,1 प्लेट नम्बर एच आर 26 सीएन 0088 और 1 नीले रंग की प्लेट नम्बर 88 सीडी 01 लगी हुई काले रंग की मर्सिडीज कार मिली है । ओमान सरकार ने कहा कि इस नाम का काेई भी व्यक्ति हाई कमिश्नर नहीं है।
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष दशरथ पाटिल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि गिरफ्तार नटवरलाल का नाम नरेन्द्र सिंह राणा है।
नरेंद्र सिंह आगरा का रहने वाला है। वर्तमान में यह अमर कॉलोनी, दिल्ली में रहता है। 1982 से 2015 तक आगरा यूनिवर्सिटी, आगरा में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रह चुका है। इसके बाद वर्ष 2015 तक 2018 तक पर्यावरण मंत्रालय में अप्रेजल अथोरिटी में काम किया। 2018 से 2020 तक कुमांऊ यूनिवर्सिटी, नैनीताल (उत्तराखण्ड) और 2020 से 2021 तक अल्मोड़ा रेजिडेन्सियल यूनिवर्सिटी (उत्तराखण्ड), 2021 से 2022 तक मेवाड़ यूनिवर्सिटी (राजस्थान) व 2022 से 2024 तक जयपुर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जयपुर) में वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत रहा।
आरोपी नटवरलाल खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त करने के लिए ओमान की एम्बेसी का एक फर्जी पत्र गाजियाबाद DM के लिए भेजा गया। अभियुक्त इससे पहले भी खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बताकर मथुरा, फरीदाबाद (हरियाणा) में वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त कर चुका है। फरवरी 2025 में दिल्ली के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बताकर चीफ गेस्ट भी बन चुका है।
पुलिस के मुताबिक नटवरलाल ने गाजियाबाद में भी एक फर्जी लेटर भेज कर प्रोटोकॉल की डिमांड की थी। इस दौरान उसने एक संदिग्ध डॉक्यूमेंट लगा दिया था, जिसकी पुलिस ने जांच की तो मामला संदिग्ध लगा। बाद में पूछताछ करने पर पूरा मामला खुला।