नई दिल्ली: कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के बाद सहरसा जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. संभावित खतरों को देखते हुए बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF की टीमें तैनात कर दी गई हैं. जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए मुस्तैदी से काम करना शुरू कर दिया है. बिहार में बाढ़ से लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. घर ढह गए हैं और लोगों को खाने के लिए परेशानी हो रही है. ये वीडियो देखकर आपका दिल दहल जाएगा.
कोसी बराज के 56 गेट खोले जाने के बाद नदी में बाढ़ की स्थिति और भी भयावह हो गयी है. लगभग 6 लाख 81 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों में भय का माहौल है. लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं. जिला प्रशासन ने सभी प्रभावित इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
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पूर्वी कोसी तटबंध पर हाई लेवल अलर्ट किया गया है. जिला प्रशासन ने सहरसा के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर स्थित नौहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर और सलखुआ ब्लॉक के बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है. खुद अंचलाधिकारी मोनी बहन ने एसडीआरएफ टीम के साथ ईटू घाट का निरीक्षण किया और बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया. उन्होंने माइकिंग के जरिए तटबंध के अंदर रहने वाले लोगों से तुरंत ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में माइकिंग के जरिए लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है. प्रशासन का मकसद सभी लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
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