नई दिल्ली: हाल ही में बरेली पुलिस ने एक चौंकाने वाला मामला उजागर किया है। सैटेलाइट बस स्टैंड से पकड़े गए एक फर्जी पुलिसकर्मी, राजन वर्मा, ने पुलिस की वर्दी पहनकर न केवल दर्जनभर महिला कांस्टेबलों को शादी का झांसा दिया, बल्कि दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी भी की।
राजन वर्मा, जो खुद को लखनऊ एडीजी ऑफिस में तैनात बताता था, वास्तव में सिर्फ 8वीं कक्षा पास था। उसने पिछले 5 सालों में यूपी के कई जिलों में पुलिस की वर्दी का फायदा उठाया और एक लग्जरी जिंदगी जी। महिला कांस्टेबलों से शादी कर के और उनके साथ संबंध बनाकर, उसने उन्हें धोखा दिया और पैसे उगाहे।
13 जुलाई को बरेली कोतवाली में एक महिला कांस्टेबल ने राजन वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। महिला कांस्टेबल ने बताया कि राजन ने उसे शादी का झांसा देकर संबंध बनाए, और उसके सैलरी अकाउंट में बदलाव कर 6.30 लाख रुपये का लोन ले लिया। जब राजन ने महिला से बात करना बंद कर दिया, तो पुलिस ने जांच शुरू की और पता चला कि लखनऊ एडीजी ऑफिस में ऐसा कोई सिपाही तैनात नहीं है।
पुलिस ने राजन वर्मा की तलाश शुरू की, लेकिन वह लगातार भागता रहा। अंततः महिला कांस्टेबल ने उसे बरेली बुलाया, और जैसे ही वह वहाँ पहुंचा, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद राजन ने पुलिस को धमकी दी कि वह सभी को सस्पेंड करवा देगा, लेकिन जब पुलिस ने उसे बताया कि उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, तो उसने अपनी सच्चाई कबूल कर ली।
राजन ने पुलिस को बताया कि वह लखीमपुर खीरी के मिदनिया गढ़ी गांव का निवासी है और पहले अपने परिवार के साथ पेठा बनाने का काम करता था। अयोध्या में पेठा सप्लाई के दौरान उसने सुनील गुप्ता नामक एक सिपाही से मुलाकात की, जिसने उसे 5 लाख रुपये लेकर सिपाही बनाने का वादा किया। सुनील की मदद से राजन ने पुलिस की वर्दी पहनना सीखा और अयोध्या में एक महिला कांस्टेबल से शादी भी की, लेकिन जब उसे सच्चाई का पता चला, तो उसने राजन को छोड़ दिया।
राजन ने बताया कि उसने 1200 रुपये में वर्दी सिलवाई और पुलिस विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपनी जाति की महिला कांस्टेबलों को चुना। उसने इंस्टाग्राम और फेसबुक के जरिए इन महिला कांस्टेबलों से दोस्ती की और वर्दी में फोटो भेजकर उन्हें धोखा दिया। उसने प्यार और प्रमोशन का सपना दिखाकर उन्हें अपने जाल में फंसाया और होटल में ले जाकर संबंध बनाए।
इस मामले ने यह साबित कर दिया कि धोखाधड़ी करने वाले लोग किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। बरेली पुलिस की तत्परता और महिला कांस्टेबल की शिकायत ने इस फर्जी पुलिसकर्मी के जाल को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह घटना महिलाओं के प्रति धोखाधड़ी के मामलों को लेकर जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
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