स्पेशल पुलिस कमिश्नर मधुप तिवारी ने पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 8 जनवरी को मिले ईमेल के बाद हमारी टीमों ने नाबालिग को ट्रैक किया। ईमेल भेजने वाला नाबालिग था, इसलिए टीम ने फोरेंसिक जांच के लिए उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया।
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली के 400 स्कूलों में बम की फर्जी धमकी देने वाले को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी 12वीं का छात्र है। उसका परिवार एक एनजीओ के संपर्क में था। यह वही एनजीओ है जो अफजल गुरु की फांसी का विरोध कर रहा था। पुलिस अब इस एंगल से जांच कर रही है कि इस बच्चे के पीछे कोई और तो नहीं है जो ईमेल भेज रहा है।
स्पेशल पुलिस कमिश्नर मधुप तिवारी ने पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 8 जनवरी को मिले ईमेल के बाद हमारी टीमों ने नाबालिग को ट्रैक किया। ईमेल भेजने वाला नाबालिग था, इसलिए टीम ने फोरेंसिक जांच के लिए उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने बताया कि हमने नाबालिग द्वारा भेजे गए 400 धमकी भरे ईमेल को ट्रैक किया। हमने उसके पिता की बैकग्राउंड की भी जांच की। वे एक एनजीओ के साथ काम कर रहे हैं।
जांच में पता चला कि यह एनजीओ अफजल गुरु की फांसी के विरोध से जुड़ा था और एक राजनीतिक दल की मदद भी कर रहा था। पुलिस ने राजनीतिक दल का नाम नहीं बताया है। दरअसल, मई से दिसंबर 2024 तक दिल्ली में बम की 50 धमकियां भेजी गईं। इसमें न सिर्फ स्कूल बल्कि अस्पताल, एयरपोर्ट और एयरलाइन कंपनियां भी शामिल हैं। इस महीने स्कूलों को बम से उड़ाने की 4 बार धमकियां दी गई हैं।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों में एक किशोर द्वारा धमकियां भेजी गईं। जांच के बाद पता चला कि उनके माता-पिता और अभिभावक कुछ ऐसे एनजीओ से जुड़े हैं जो अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने जैसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
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