दिल्ली विधानसभा में आज गेस्ट टीचर्स के मुद्दों पर चर्चा हुई। विधान सभा में गेस्ट टीचर्स के सरकार से उनके अधिकार-पर्याप्त वेतन की मांग हुई।
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स को न तो स्थायी नौकरी का भरोसा है और न ही पर्याप्त वेतन की सुविधा। भाजपा विधायक अजय महावर ने सदन में यह मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि गेस्ट टीचर्स की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचर्स दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन हर साल उनकी नौकरी खतरे में रहती है। उन्हें न तो कोई सरकारी लाभ मिलता है और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं। अगर वे बीमारी के कारण छुट्टी लेते हैं तो उनका वेतन काट लिया जाता है। इतना ही नहीं, गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में भी उन्हें कोई वेतन नहीं दिया जाता, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है।
अजय महावर ने कहा कि गेस्ट टीचर्स को पिछले आठ सालों से वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं मिली है, जिसके कारण उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है। यह न केवल गेस्ट टीचर्स के लिए बल्कि बच्चों की शिक्षा के लिए भी हानिकारक है। जब शिक्षक मानसिक तनाव में रहेंगे तो वे बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे देंगे? उन्होंने सरकार से मांग की कि गेस्ट टीचर्स को स्थायी नौकरी दी जाए या कम से कम उनके वेतन और सुविधाओं में सुधार किया जाए।
दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं आम आदमी पार्टी के दावों से कोसों दूर हैं। भाजपा विधायक रविंद्र नेगी ने विधानसभा में कहा कि कैग रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की नाकामी को उजागर कर दिया है। सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी है। मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।
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