जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) के 2024-25 चुनाव में लेफ्ट गठबंधन ने प्रेसिडेंट समेत टॉप 4 में से 3 पदों पर जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा। एबीवीपी ने भी इस बार बड़ी बढ़त हासिल की है। 25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 फीसदी वोटिंग हुई थी। प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी के पद लेफ्ट समर्थित संगठनों के हिस्से में गया है और जॉइंट सेक्रेटरी पद पर एबीवीपी के हिस्से में आया है.
नीतीश कुमार (आइसा) अध्यक्ष चुने गए है, मनीषा (डीएसएफ) ने वाइस प्रेसिडेंट पद जीता और मुन्तेहा फातिमा (डीएसएफ) ने जनरल सेक्रेटरी के पद पर कब्जा जमाया है. एबीवीपी की तरफ से वैभव मीणा ने जॉइंस सेक्रेटरी बने हैं और एक दशक का सूखा खत्म कर दिया है.
खास बात यह है कि वोटों की काउंटिंग के दौरान एबीवीपी के उम्मीदवार चारों पदों पर आगे रहे, जो जेएनयू के पारंपरिक वामपंथी प्रभाव के लिए भविष्य में बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. हालां कि बाद में प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी के पदों पर एवीबीपी को लेफ्ट ने पछाड़ दिया लेकिन हार का अंतर बहुत कम रहा जो कैंपस में एक बड़े बदलाव का संकेत है।
25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 फीसदी छात्रों ने वोट डाले थे। लगभग 5,500 छात्रों ने अपने वोट डाले थे, इस मुकाबले में आइसा-डीएसएफ, एबीवीपी और एनएसयूआई-फ्रेटरनिटी गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला हुआ.
काउंसलर्स के चुनावों में एबीवीपी ने 42 में से 23 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। 1999 के बाद काउंसलर्स के चुनावों में एबीवीपी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। एबीवीपी ने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में जीत दर्ज की और स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, इंटरनेशनल स्टडीज और संस्कृत व इंडिक स्टडीज में उल्लेखनीय बढ़त हासिल की है।
एबीवीपी के प्रदर्शन से कैंपस की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार किया है। नेताओं और समर्थकों ने नतीजों को ‘टर्निंग पॉइंट’ बताया है, जिसमें केंद्रीय पैनल में काफी अच्छा प्रदर्शन है. नवनिर्वाचित प्रेसिडेंट नीतीश कुमार ने छात्रों को आश्वस्त किया है कि “हम छात्रों और उनके कल्याण के लिए काम करेंगे। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर छात्र की आवाज सुनी जाए और उसका सम्मान किया जाए।”जीत के बाद नवनिर्वाचित छात्र नेताओं ने छात्रों के हित और अधिकारों के लिए अपना काम जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
वाइस प्रेसिडेंट मनीषा ने जीत का श्रेय यूनिवर्सिटी को देते हुए कहा कि “इस जीत का श्रेय यूनिवर्सिटी को जाता है। जेएनयू लाल था और लाल ही रहेगा। हमेशा छात्रों के लिए काम किया और उनकी आवाज उठाई, और हम भविष्य में भी यह काम करते रहेंगे।”
जेएनयू के जनरल सेक्रेटरी पद पर जीते मुन्तेहा फातिमा ने कहा, “हम छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे, जैसा कि हमने हमेशा किया है।”
जॉइंट सेक्रेटरी चुने गए वैभव मीणा ने कहा कि “हमने एक दशक के बाद जीत हासिल की है और एबीवीपी अगली बार चुनाव में सभी चार सीटें जीतेगी। यह जीत कैंपस को एक नई दिशा देगी.
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