केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले शराब घोटाले में ईडी की छापेमारी और फिर उन्हें जेल जाना पड़ा। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ा और न तो लोकसभा में जीत पाए और न ही दिल्ली विधानसभा में। अब उनके खिलाफ पांच साल पुराने मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही है। जानिए क्या है पूरा मामला...
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने साल 2019 में द्वारका में बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग करने के मामले में केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल की अदालत में हुई।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज कर 18 मार्च तक SHO को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। साल 2019 में आम आदमी पार्टी की ओर से द्वारका में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए थे। इस संबंध में अरविंद केजरीवाल, मटियाला के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका पार्षद नितिका शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई थी। लेकिन मजिस्ट्रेट ने शिकायत खारिज कर दी।
शिकायत खारिज होने के बाद शिकातकर्ता ने सेशंस कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल की थी. सेशंस कोर्ट ने मामले को मजिस्ट्रेट के पास तय करने के लिए कहा कि मामला बनता है या नहीं.’ मजिस्ट्रेट ने अब इस मामले में द्वारका पुलिस को केस दर्ज कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. इस साल केजरीवाल के यह खिलाफ यह दूसरी एफआईआर है.
इससे पहले फरवरी में हरियाणा की शाहबाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मामला यमुना नदी के पानी से जुड़ा था। दरअसल, दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरियाणा यमुना के पानी में जहर मिला रहा है। इस संबंध में केजरीवाल के खिलाफ बीएनएस की धारा 192, 196 (1), 197 (1), 248 (ए) और 299 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
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