खतौली : कुछ ही दिनों में उत्तरप्रदेश की विधानसभा सीट खतौली में भी उपचुनाव होगा. समाजवादी पार्टी और भाजपा दोनों ने इस सीट से अपने उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन ने भी रविवार को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. जहां रालोद ने अपने आधिकारिक ट्विटर से एक ट्वीट किया है. ट्वीट में बताया गया है कि आजाद समाज पार्टी ने भी अब (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के उम्मीदवार मदन भैया को अपना समर्थन दिया है. जहां सोमवार को पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने रालोद चीफ जयंत सिंह से मुलाकात की.
भारतीय संविधान की रक्षा व सामाजिक न्याय की लड़ाई हम मिलकर लड़ेंगे।
बहुजन समाज को भारतीय संविधान के तहत मिले हुए अधिकारों को निष्क्रिय करने की भाजपा की साजिशों को हम कभी कामयाब नही होने देंगे।
इसी क्रम में हमारी पार्टी ने खतौली उपचुनाव में आरएलडी को समर्थन देने का फैसला लिया है। https://t.co/Lex1voOSEQ— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) November 15, 2022
सपा का गुर्जर दांव
रालोद ने खतौली के उप चुनाव में पूर्व विधायक मदन भैया को मैदान में उतारकर पश्चिम यूपी में गुर्जरों को साधने की कोशिश की है, वहीं परिसीमन के कारण खेकड़ा विधानसभा का वजूद अब पूरी तरह खत्म हो गया है, दूसरी ओर लोनी में एक के बाद एक तीन हार के बाद मदन भैया भी नई सियासी जमीन की तलाश में थे, ऐसे में उपचुनाव का मौका बना तो रालोद ने मौके पर चौका मारते हुए उन्हें टिकट थमा दिया. अब देखने वाली बात यह होगी कि वह खतौली में कितना दमखम दिखा पाते हैं।
चार बार रह चुके हैं विधायक
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत के बहुचर्चित चेहरों में मदन भैया का नाम शामिल है, बागपत की खेकड़ा विधानसभा सीट से वह चार बार विधायक रह चुके हैं. साल 2012 में परिसीमन हुआ तो खेकड़ा सीट का वजूद ही खत्म हो गया, इसके बाद अपनी सियासत को संवारने के लिए मदन भैया ने गाजियाबाद की लोनी सीट से 2012, 2017 और 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन यहाँ उन्हें सफलता नहीं मिल पाई.
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