Anti Paper Leak Law: NEET, UGC पेपर लीक की घटनाओं को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसी बीच केंद्र सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है. सरकार ने कल रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी. केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में ये कानून बनाया था. इस कानून को लागू करने का मकसद परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ी को सख्ती से रोकना है. आइये जानते हैं आखिर इस कानून में क्या है जिसे सरकार का बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है.
प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 को लोकसभा में 5 फरवरी को पेश किया गया था. लोकसभा में ये बिल 6 फरवरी को पास हुआ था, उसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया था जहां पर 9 फरवरी को इस कानून को पास करवा लिया गया था. उसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को मंजूरी दी. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून को 21 जून से देशभर में लागू कर दिया है.
एंटी पेपर लीक कानून के दायरे में UPSC, SSC, JEE, NEET, CUET, Railway, Banking और NTA की तरफ से आयोजित की जाने वाली सभी परीक्षाएं आएंगी. अगर अब इन परीक्षाओं में कोई भी किसी भी तरह का गड़बड़ी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ एंटी पेपर लीक कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
इस कानून में 15 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है. आइए जानते हैं वह 15 गतिविधियां कौन-कौन सी हैं. पहली गतिविधि है परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र या आंसर लीक करना. दूसरी है पेपर की आंसर लीक करने में दूसरे लोगों के साथ शामिल होने पर. तीसरी गतिविधि बिना किसी अधिकार के प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट को देखना या अपने पास रखना. चौथी गतिविधि है परीक्षा के समय किसी भी व्यक्ति द्वारा एक या उससे ज्यादा सवालों के जवाब बताने पर. पांचवां काम है किसी भी परीक्षा में उम्मीदवार को किसी भी तरीके से जवाब लिखने में मदद करना.
छठी गतिविधि है ओएमआर शीट में या आंसर शीट में किसी भी तरह की गड़बड़ी करने करने पर. सातवीं गतिविधि है बिना किसी अधिकार के बिना बोनाफायड एरर के असेसमेंट में किसी भी तरह का उलटफेर करने पर. आठवीं गतिविधि है किसी भी परीक्षा के लिए केंद्र सरकार के निर्धारित नियमों और मानकों का जानबूझकर अनदेखी करना. नौवीं गतिविधि ऐसे डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़ करना जो कैंडिडेट की शॉर्टलिस्टिंग या उसकी मेरिट या रैंक निर्धारित करने के लिए जरूरी माना जाता है. दसवीं गतिविधि है परीक्षा के दौरान संचालन में गड़बड़ी कराने की नीयत से जानबूझकर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन. ग्यारहवीं गतिविधि है कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर रिसोर्स या किसी भी कंप्यूटर सिस्टम से छेड़छाड़ करना, बारहवीं गतिविधि है एग्जाम में किसी भी तरह का घपला करने की नीयत से किसी उम्मीदवार के सीटिंग अरेंजमेंट या एग्जाम डेट या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करना. तेरहवीं गतिविधि है पब्लिक एग्जाम अथॉरिटी या सर्विस प्रोवाइडर या किसी भी सरकारी एजेंसी से संबंधित लोगों को धमकाना या किसी भी तरीके से परीक्षा में व्यवधान पैदा करना. चौदहवीं गतिविधि है पैसे ऐंठना या धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाना, पंद्रहवीं गतिविधि में फर्जी परीक्षा कराना या फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करना शामिल है.
लोक परीक्षा कानून के तहत पेपर लीक करने या किसी भी तरह का अनुचित साधन का इस्तेमाल करने पर कम -से कम तीन साल की सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माना का प्रावधान है. साथ ही परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर के दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इस कानून के अंतर्गत कोई दोषी पाया जाता है तो उसकी प्रॉपर्टी भी कुर्क की जा सकती है.