October 6, 2024
  • होम
  • राज्य
  • प्लीज पापा की आखिरी निशानी दे दो! दाह संस्कार में नहीं आए, अब लगा रहे वृद्धाश्रम के चक्कर
प्लीज पापा की आखिरी निशानी दे दो! दाह संस्कार में नहीं आए, अब लगा रहे वृद्धाश्रम के चक्कर

प्लीज पापा की आखिरी निशानी दे दो! दाह संस्कार में नहीं आए, अब लगा रहे वृद्धाश्रम के चक्कर

  • WRITTEN BY: Manisha Shukla
  • LAST UPDATED : September 18, 2024, 7:57 pm IST
  • Google News

नई दिल्ली : आज पितृ पक्ष का पहला दिया है। इस समय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कुछ लाचार लोग वृद्धाश्रम के चक्कर लगा रहे हैं। ये लोग अपने माता-पिता की निशानी मांगने आ रहे हैं। ये वही लोग हैं जिनके माता-पिता की सालों पहले मृत्यु हो चुकी है।

पितृ पक्ष में अब उन्हें अपने गुजरे माता-पिता की अचानक क्यों याद सताने लगी. जब माता-पिता अपने अंतिम दिनों में अकेले थे,उन्हें बच्चों की ज्यादा जरुरत महसूस हो रही थी तब कोई नहीं आया इन्हें पूछने। वृद्धाश्रम के अनुसार बच्चें तो अंतिम संस्कार करने भी नहीं आए। अब उन्हें अपने माता-पिता का पिंडदान करना है क्या गजब बात है !

‘कोई स्मृति चिन्ह हो तो दे दो’

भोपाल के आसरा वृद्धाश्रम की संचालिका राधा चौबे के मुताबिक, इस वृद्धाश्रम में पितृ पक्ष के दौरान हर साल यही स्थिति देखने को मिलती है। इन 15 दिनों में लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियों में भरकर आते हैं और अपने माता-पिता के बारे में पूछते हैं। वे अनुरोध करते हैं कि अगर उनके माता-पिता की कोई स्मृति चिन्ह हो तो उन्हें दे दिया जाए ताकि वे उनका तर्पण कर सकें।

दाह संस्कार करने नहीं आए

राधा चौबे के अनुसार, यहां जो बुजुर्ग हैं, उनकी स्मृति चिन्ह भी दी जाती है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि ये वही सदस्य हैं जो अपने माता-पिता का दाह संस्कार करने भी नहीं आए। उस समय बुजुर्गों का अंतिम संस्कार आश्रम ने ही करवाया था। अब इतने सालों बाद लोगों को अपने माता-पिता की याद आई है और वे यह स्मृति चिन्ह मांगने के लिए यहां चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सालों पहले एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। अब उनका बेटा उनके पीछे-पीछे चप्पल मांगने यहां आ रहा है।

पैसे बचाने के लिए लोग …….

उनका कहना है कि उनके पिता हर दिन उनके सपने में आते हैं और वे उन्हें बिना चप्पल के देखते हैं। इसी तरह अपना घर वृद्धाश्रम के संचालक का कहना है कि कई लोग बीमारी या मौत की सूचना मिलने पर सिर्फ इसलिए नहीं आते क्योंकि उन्हें अंतिम संस्कार के लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे। लेकिन बाद में वे स्मृति चिन्ह मांगने जरूर आते हैं। दरअसल उन्हें डर रहता है कि कहीं मृत आत्मा उन्हें परेशान न करने लगे।

 

यह भी पढ़ें :- 

इजरायल पेजर स्ट्राइक न करता तो खुल जाती पोल, आ जाती कयामत…

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन

लेटेस्ट खबरें

विज्ञापन
विज्ञापन