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बड़ा सवाल, चैंपियंस ट्रॉफी में क्या मोहम्मद शमी दिखा पाएंगे अपना पुराना तेवर, होगी अहम जिम्मेदारी

आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय तेज गेंदबाजी का दारोमदार मोहम्मद शमी पर होगा. जसप्रीत बुमराह चोट के कारण टीम से बाहर हैं. प्रशंसकों को उम्मीद है कि शमी इस टूर्नामेंट में भारत को बुमराह की कमी महसूस नहीं होने देंगे.

Champions Trophy 2025
  • February 17, 2025 10:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पूरी तरह तैयार है। टीम अपने अभियान की शुरुआत 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले से करेगी। भारतीय तेज गेंदबाजी का दारोमदार अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी पर होगा, क्योंकि जसप्रीत बुमराह चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हैं। प्रशंसकों को उम्मीद है कि शमी अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से टीम को बुमराह की कमी महसूस नहीं होने देंगे।

अनुभवी शमी से उम्मीदें

शमी के पास तेज गेंदबाजी का बेहतरीन कौशल है, जिससे वह दुनिया के किसी भी बेहतरीन बल्लेबाज को चकमा दे सकते हैं। उनका अनुभव भारत के लिए इस टूर्नामेंट में अहम साबित हो सकता है। भारत ने आखिरी बार 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और इस बार एक बार फिर खिताब जीतने के लिए टीम को शमी जैसे अनुभवी गेंदबाज से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

शमी का अनुभव भारत के लिए फायदेमंद

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी का मानना है कि शमी के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का लंबा अनुभव है और वह इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शमी ने 2019 और 2023 के वनडे विश्व कप में बेहतरीन गेंदबाजी की थी और कई महत्वपूर्ण मौकों पर टीम को सफलता दिलाई थी। बुमराह भले ही शानदार गेंदबाज हैं, लेकिन शमी के अनुभव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

नई गेंद से शानदार प्रदर्शन की जरूरत

अगर भारत को टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना है, तो शमी को नई गेंद से शुरुआती ओवरों में सफलता दिलानी होगी। शुरुआती 6 ओवरों में अगर भारत विकेट हासिल करता है, तो टीम का मनोबल काफी बढ़ेगा और विरोधी टीम पर दबाव बनेगा।

इसके अलावा, शमी पर सिर्फ विकेट लेने की ही नहीं, बल्कि युवा गेंदबाजों अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा का मार्गदर्शन करने की भी जिम्मेदारी होगी। बालाजी का कहना है कि पिछले 12 सालों में शमी ने खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है और अब वह भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ की भूमिका निभा रहे हैं। उनके अनुभव से युवा गेंदबाजों को सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे टीम का गेंदबाजी आक्रमण और मजबूत होगा।

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