नई दिल्ली. नई दिल्ली. इस साल 22 नवबंर को उतपन्न एकादशी मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा की जाती है. हिंदू पुराणों के अनुसार इस दिन व्रत रखने से भक्तों के सभी पाप मिट जाता है. इसलिए इस दिन लोग उतपन्न एकादशी के दिन व्रत रखते हैं. मान्यता के मुताबिक हर साल 24 एकादशी होता है और इस दिन व्रत रखने का बड़ा महत्व है. माना जाता है कि मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले एकादशी का बहुत महत्व होता है.
पुराणों में बताया गया है इसी दिन मां एकादशी का जन्म हुआ था. इस साल उतपन्न एकादशी 22 नवबंर को है. उत्पन्नाा एकादशी के दिन एकादशी माता और विष्णु भगवान की अराधना की जाती है. धार्मिक ग्रथों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने मुरमुरा नाम के भयानक राक्षस का वध किया था. भगवान विष्णु के भक्त इसी खुशी में इस दिन उत्पन्नाा एकादशी का व्रत रखते हैं.
आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी कब मनाई जाती है- अगर हम बात करें भारत में कहां और कब उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है या पड़ती है. उत्तर भारत में इस त्योहार को लोग एकादशी मार्गशीर्ष महीने में पड़ती है. वहीं बात करें दक्षिण भारत का तो वहां पर उत्पन्ना एकादशी को पर्व एकादशी कार्तिक महीने में मनाई जाती है.
क्यों मनाई जाती है उत्पन्ना एकादशी – हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार सतयुग में मुर नामक शक्तिशाली राक्षस था. उसने स्वर्गलोक पर कब्जा कर लिया था. जिसके वजह से सभी देवी-देवताओं को मृत्युलोक में जाना पड़ा था. इससे दुखी होकर स्वर्ग के राजा इसके सामधान के लिए भगवान शंकर के पास पहुंचे और देवताओं की रक्षा करने के लिए मदद की गुहार की. उसके बाद भगवान शंकर ने इंद्र जी को कहा कि आप भगवान विष्णु से रक्षा करने की याचना की.
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इसके बाद भगवान विष्णु ने चंद्रनगरी पहुंच कर मुर नामक राक्षस से युद्ध किया. बताया जाता है कि यह युद्ध 10 सालों तक चला था फिर भी वह नहीं मरा. भगवान विष्णु थक हार कर बद्रिकाश्रम चले गए. उसी वक्त मुर राक्षस उनको मारने के लिए आया तभी उसी वक्त भगवान के शरीर से उज्जवल , कांतिमय रूप वाली देवी प्रकट हुई और उसी देवी ने मुर राक्षस को मार दिया. उसी दिन से उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है.
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