• होम
  • अध्यात्म
  • आज है प्रदोष व्रत, जानिए कैसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आज है प्रदोष व्रत, जानिए कैसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आज 9 फरवरी के दिन प्रदोष व्रत का व्रत रखा जा रहा है। यह दिन भगवान शिव को पूर्ण रूप से समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त आज यानी प्रदोष व्रत कि दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

Pradosh Vrat
  • February 9, 2025 9:21 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: आज 9 फरवरी के दिन प्रदोष व्रत का व्रत रखा जा रहा है। यह दिन भगवान शिव को पूर्ण रूप से समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त आज यानी प्रदोष व्रत कि दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा उनके जीवन में शुभता और ढेरों खुशियां आती है। आज के दिन की शुरुआत करने से पहले आइए जानते हैं, प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि?

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने का अंतिम प्रदोष व्रत आज 9 फरवरी 2025 को रखा जा रहा है। पंचांग के अनुसार आज माघ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रात्रि 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। इस व्रत का समापन अगले दिन 10 फरवरी को शाम 6:57 बजे होगा। बता दें कि इस दिन को रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन दान और पुण्य करने से जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाइयाँ नहीं आती हैं।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठें। इसके बाद जल्दी स्नान करने के पश्चात भगवान शिव का ध्यान करके भक्त इस व्रत का संकल्प लेते हैं। प्रदोष व्रत की असल पूजा रात के समय होती है लेकिन सुबह के समय शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। यदि व्रत का पालन करना है, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शाम के समय पूजा करने के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करें। इस दिन देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद मदार के फूल, गुड़हल, आक, खीर, ठंडाई और घर पर बनी मिठाई को भगवान शिव को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित विभिन्न मंत्रों का जाप करें। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिव पुराण और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ भी करें। इसके पश्चात भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। प्रदोष व्रत की पूजा संपन्न भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करके करें।

प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत के अवसर पर भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य देव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के करियर में उन्नति और नए अवसरों की प्राप्ति संभव होती है। शिव पुराण और स्कंद पुराण में उल्लेखित है कि इस दिन उपवास रखने से व्यक्ति रोगों और दोषों से मुक्त होता है तथा धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, प्रदोष व्रत का पालन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आगमन होता है।

Also Read…

सूर्य के गोचर से बन रहा है शुभ योग, इन राशियों को मिलने वाली है दुखों से मुक्ति, व्यापार और प्रेम में आज मिलेगी बड़ी खुशखबरी