नई दिल्ली. Sawan Somvar 2019: हिंदू धर्म में श्रावण सबसे पावन महीनों में से एक माना जाना जाता है. सावन मास में चारों ओर भगवान शिव की आराधना जयकारे गुंजते रहते हैं. ऐसे में 12 अगस्त यानी आज श्रावण मास का आखिरी सोमवार है और इस महीनों के सभी सोमवारों की तरह इस बार भी शिवालयों पर भक्त जनों का जमावड़ा लगा हुआ है. माना जाता है कि श्रावण मास में भगवान शिव शंकर की सच्चे मन से पूजा करने से सभी कष्ट दूर होकर जीवन में खुशियों संगम बहता रहता है. साथ ही हर इच्छा पूरी होती है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्रावण मास के इस आखिरी सोमवार पर भगवान शंकर की किस विधि विधान से पूजा करें.
दरअसल इस बार सावन मास का अंतिम सोमवार कई मायनों में खास है. इस बार श्रावण मास के अंतिम सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि के कारणवर्ष सोम प्रतोष वर्त का अनोखा संयोग है. पुराणों का अनुसार ऐसी मान्यता है कि सोम प्रदोष वर्त के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से महादेव की कृपा आप पर और आपके परिवार पर बरसती रहती है. इसके अलावा मनचाहे वरदान की प्राप्ती भी होती है. कई सालों बाद ऐसा हो रहा है कि सावन मास के आखिरी सोमवार पर सोम प्रदोष व्रत बड़ रहा है.
सावन का अंतिम सोमवार पर किस विधि से करें भगवान शिव की पूजा-
भगवान शिव तीनों लोको के स्वामी है. श्रृष्टि रचियता भगवान शंकर की पूजा विधि बेहद आसान मानी जानी हैं. इस बीच जानते हैं कि सावन के अंतिम सोमवार पर इस पूजा विधि से आप भगवान शिव को खुश कर सकते हैं.
- सावन का अंतिम सोमवार पर सुबह जल्द उठकर स्नान बाद शिवालय पर जाएं
- भगवान शिव के मंदिर जाने के बाद बेलपत्र, धतूरा, कच्चे चावल, घी और शहद को महादेव को अर्पित करें.
- भक्त जन सावन के सोमवार के आखिरी दिन शिवलिंग के साथ, माता पार्वती, नंदी महाराज का जलाभिषेक करें.
- इसके बाद विधि विधान पूजन करने के साथ धूप-दीप जलाकर भगवान शिव की आराधना करें.
- शाम को 6 बजकर 59 मिनट से लेकर 9 बजकर 10 मिनट के शुभमुहूर्त पर भगवान शंकर की पूजा करें, आरती का गाए और दीप जलाने के बाद व्रत को खोलें.
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