November 2, 2024
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माता सीता की एक दृष्टि से जलकर खाक हो जाता रावण फिर कैसे दशरथ की वजह से जिंदा रहा लंकापति? 

माता सीता की एक दृष्टि से जलकर खाक हो जाता रावण फिर कैसे दशरथ की वजह से जिंदा रहा लंकापति? 

  • WRITTEN BY: Pooja Thakur
  • LAST UPDATED : September 4, 2024, 7:37 am IST
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Ramayan: माता सीता साक्षात लक्ष्मी का अवतार हैं। वे प्रभु राम के समान ही शक्तिशाली हैं। जनकनंदिनी चाहती तो रावण को उसी क्षण भस्म कर देतीं जब वह उनका हरण करने आया था। या फिर वह अशोट वाटिका पहुंचने के बाद भी किसी समय रावण को भस्म कर देती या वध कर देती। परंतु माता सीता ने ऐसा नहीं किया। सवाल उठता है कि जब वो खुद अपनी रक्षा करने के लिए सक्षम थीं तो रावण का वध क्यों नहीं किया? आइए जानते हैं इसके पीछे के रहस्य के बारे में।

माता सीता के ससुराल की खीर कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब माता ब्याह के बाद ससुराल आईं तो उन्होंने ऋषि-मुनियों और परिवार के लोगों के लिए खीर बनाई। उन्होंने ये खीर खुद सबको परोसी। जब वह खीर परोस रही थीं तो उस समय तेज हवा के झोंके से राजा दशरथ के पत्तल में घास का एक तिनका चला जाता है। माता सीता तिनके को देख लेती हैं लेकिन वो सबके सामने कैसे निकाले इस दुविधा में रहती हैं। तभी उन्होंने दूर से ही तिनके को घूरा। माता की दृष्टि पड़ते ही तिनका हवा में उड़ा और जलकर भस्म हो गया।

एक तिनके से बची रावण की जान

माता सीता को लगा कि उन्हें किसी ने देखा नहीं है लेकिन राजा दशरथ ने यह चमत्कार देख लिया था। वो समझ गए कि सीता कोई साधारण स्त्री नहीं बल्कि जगत की जननी हैं। राजा दशरथ सीता का चमत्कार देखकर डर गए। उन्होंने बाद में माता को अपने कक्ष में बुलाया और कहा कि मैं जान चुका हूं कि आप कौन हैं। आप मुझे आज वचन दीजिए कि जिस दृष्टि से आज तिनके को देखा है फिर किसी को नहीं दिखेंगी। माता सीता ने पितातुल्य दशरथ को वचन दिया। यहीं वजह है कि रावण माता से बच गया। जब भी वह अशोक वाटिका में आता था तो माता सीता तिनके का सहारा ले लेती थीं ताकि उनकी दृष्टि रावण पर न पड़े वरना वह वहां भस्म हो जाता।

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