नई दिल्लीः रामायण में रावण की सोने की लंका के बारे में भी खूब चर्चा होती है। मान्यताओं के अनुसार रावण की लंका की खूबसूरती देखने लायक थी। यह सबको पता है कि हनुमान जी ने रावण की सोने की लंका को आग लगाकर नष्ट कर दिया था, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि सोने की लंका किसने बनवाई थी। सोने की लंका का संबंध माता पार्वती और महादेव से है। आइए जानते हैं सोने की लंका किसने और क्यों बनवाई थी?
धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि भगवान शिव ने माता पार्वती के लिए सोने की लंका बनवाई थी। कथाओं के अनुसार माता पार्वती और भगवान शिव हिमालय में निवास करते थे। वे बहुत ही सामान्य जीवन जीते थे। एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से देवताओं जैसा महल बनवाने को कहा, तब भगवान शिव ने विश्वकर्मा और कुबेर को बुलाकर समुद्र के बीचों-बीच सोने का महल बनवाया। इसे ही सोने की लंका कहा जाता है।
एक बार रावण वहां से गुजरा तो सोने की लंका को देखकर वह मोहित हो गया। उसके मन में लालच आ गया। रावण ने ब्राह्मण का वेश धारण कर भगवान शिव के पास जाकर सोने की लंका दान में मांगी ली। भगवान शिव बहुत दयालु हैं, उन्होंने रावण को लंका दान में दे दी। इस तरह रावण ने छल से भगवान शिव और मां पार्वती से सोने की लंका हड़प ली। कथाओं के अनुसार जब मां पार्वती को पता चला कि रावण ने छल से सोने की लंका हड़प ली है तो वह बहुत क्रोधित हुईं। मां पार्वती ने रावण को श्राप दिया कि एक दिन लंका आग में जल जाएगी और कुछ वर्षों के बाद मां पार्वती के श्राप को हनुमान जी ने पूरा किया।
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