इस वर्ष होली का त्यौहार 13 और 14 मार्च को मनाया जाएगा। इसी बीच साल का पहला चंद्र ग्रहण होली पर 14 मार्च शुक्रवार को लगने वाला है. इस दौरान चंद्रमा गहरे लाल रंग में नजर आएगा, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है। आइये जानते हैं यह कहां दिखेगा और होली पर इसका कितना असर पड़ेगा?
नई दिल्ली: भारत देश में होली का त्यौहार बड़े ही जोश के साथ मनाया जाता है और इस वर्ष ये त्यौहार 13 और 14 मार्च को मनाया जाएगा। हालांकि इस बीच एक बड़ी खगोलीय घटना भी घटने वाली है. बता दें साल का पहला चंद्र ग्रहण होली पर 14 मार्च शुक्रवार को लगने वाला है, जो कि जो पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। खगोलीय दृष्टि से यह बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर चंद्रमा को पूरी तरह से अपनी छाया में ढक लेगी। इस दौरान चंद्रमा गहरे लाल रंग में नजर आएगा, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है।
भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण सुबह 9:27 बजे शुरू होकर दोपहर 12:28 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण पूरी तरह से दोपहर 3:30 बजे समाप्त होगा। हालांकि भारत में यह ग्रहण सुबह के समय पड़ने के कारण दिखाई नहीं देगा। यह खगोलीय नजारा ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी अफ्रीका, यूरोप, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, उत्तर और दक्षिण अमेरिका से देखा जा सकेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के 9 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसे अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। वहीं कई लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि होलिका दहन से पहले ही सूतक काल होगा या नहीं। मान्यता के अनुसार, जहां ग्रहण नजर नहीं आता, वहां सूतक काल मान्य नहीं होता। इसलिए भारत में चंद्र ग्रहण न दिखने के कारण होली और होलिका दहन पर सूतक काल का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यानि लोग बिना किसी चिंता के परंपरागत तरीके से होली का त्योहार मना सकेंगे।
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