नई दिल्ली. काल भैरव के बारे में मान्यता है कि उनसे काल भी भयभीत रहता है. आज काल भैरव अष्टमी है, भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव की पूजा होती है. काल भैरव भगवान को काल यानी मृत्यु, डर और हर प्रकार के भय को हरने वाला बताया जाता है. आज के दिन भगवान शिव के की उपासना करने से मनुष्य को मृत्यु का भय नहीं रहता है. काल भैरव भगवान की अराधना करने से भक्तजनों की सभी परेशानी दूर होती है.
काला अष्टमी के दिन की पूजा विधि- काल भैरव भगवान की पूजा करने से पहले काले कपड़े धारण भक्तजन को करना चाहिए. इसके साथ ही आसन भी काले कपड़ का होना चाहिए. काल भैरव भगवान की अराधना करते समय अक्षत, चंदन, काले तिल, काली उड़द, काले कपड़े और धतुरे के फूल का प्रयोग करना चाहिए. काल भैरव भगवान को चमेली के फूल बहुत पसंद है.
इसलिए इनकी पूजा में चमेली की फूल को प्रयोग करे. मान्यता है कि इस दिन काल भैरव को शराब की भोग लगाने से खुश होते हैं. जो मनुष्य इस दिन व्रत रखता है उसे अपने हाथों से कुत्ते को अपने हाथो से बना हुआ भोजन कराना चाहिए. काल भैरव भगवान का सवारी कुत्ता को माना जाता है.
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आइए जानते हैं इस सप्ताह के व्रत त्योहार-
19 नवंबर मंगलवार – श्री काल भैरवाष्टमी, भैरव जयंती, भैरव उत्पति, कालाष्टमी
20 नवबंर बुधवार – प्रथाष्टमी उत्सव
21 नवबंर गुरुवार – अनला नवमी
22 नवंबर शुक्रवार – उत्पन्ना एकादशी, वैतरणी व्रत
23 नवंबर शनिवार – उत्पन्ना एकादशी, व्रत वैष्णवों
24 नवंबर रविवार – प्रदोष व्रत
25 नवंबर सोमवार – मास शिवरात्रि व्रत, महाव्रत आरम्भ
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