होली का त्योहार नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। लोग रंग-गुलाल की खरीदारी में जुट गए हैं। हालांकि होलीका दहन से पहले चंद्र ग्रहण लगने के साथ-साथ भद्रा काल शुरू हो रहा है. बता दें भद्रा का प्रभाव 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से रात 11:29 बजे तक रहेगा.
नई दिल्ली: होली का त्योहार नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। लोग रंग-गुलाल की खरीदारी में जुट गए हैं। होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जहां होलिका दहन किया जाता है, वहां नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं रहता। हालांकि होलीका दहन से पहले चंद्र ग्रहण लगने के साथ-साथ भद्रा काल शुरू हो रहा है. इस बीच आइए जानते है कि होलिका धन का उचित मुहूर्त क्या है?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा। इसके बाद 14 और 15 मार्च को देशभर में रंगों का पर्व होली धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा का प्रभाव रहेगा, जो कि 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से रात 11:29 बजे तक भद्रा होगा। ऐसे में होलिका दहन का शुभ समय रात 11:30 बजे से मध्यरात्रि 12:45 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन से पहले पूजा करना शुभ माना जाता है। होलिका के चारों ओर सूत लपेटें और दक्षिण दिशा की ओर बैठकर जल से भरा कलश रखें। ‘ॐ होलिकाय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए होलिका और प्रह्लाद की पंचोपचार विधि से पूजा करें। चंदन, रोली और अक्षत अर्पित करें और घर में बने मिष्ठान का भोग लगाएं। होलिका की परिक्रमा करने के बाद उसमें गेहूं की बालियां, नारियल, सप्तधान्य, सिक्का और भोग अर्पित करें। होलिका दहन नकारात्मकता को समाप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने का प्रतीक है। मान्यता के अनुसार, इसे सही मुहूर्त में करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
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