Good Friday 2025: आज यानी 18 अप्रैल को पूरे देश में गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है। इसे पुण्य शुक्रवार भी कहा जाता है। यह दिन ईसाई समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मौके पर ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशु मसीह को याद करते हुए प्रार्थना करते हैं। गुड फ्राइडे को शोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था। आइये जानते हैं कि ईसा मसीह का जन्म कैसे हुआ था?
क्या आपको मालूम है कि क्राइस्ट यानि यीशु मसीह की मां बिन ब्याहे ही बच्चे को जन्म दी थीं। ईसा मसीह की मां जब गर्भवती हुईं तो काफी डर गईं थीं क्योंकि उस समय कुंवारी थीं। शादी से पहले मां बनना उस समय पाप और अपराध था। स्त्री को मौत की सजा दी जाती थी। अगर कोई स्त्री शादी से पहले गर्भवती हो जाती थी तो लोग पत्थर मार-मार कर उसकी जान ले लेते थे। मरियम को जैसे ही पता चला कि वह गर्भवती हैं तो परेशान हो उठी। उनका मंगेतर युसूफ उनसे नाराज हो गया और रिश्ता तोड़ने के बारे में सोचने लगा।
मदर मैरी यानी मरियम उस समय प्राचीन यहूदी साम्राज्य के गलील प्रांत में स्थित नाज़रत में रहती थीं। वो नहीं चाहती थी कि उनके परिवार को इस बारे में पता चले. उन्होंने बैतलहम के एक साधारण से मवेशी चारागाह में जीसस को जन्म दिया। मरियम जब प्रेग्नेंट हुई थीं तो उनकी सगाई यूसुफ से हो गई थी। युसूफ यह जानकर हैरान रह गया कि मरियम शादी से पहले मां कैसे बन सकती हैं। यूसुफ काफी नाराज हो गए और रिश्ता तोड़ने के बारे में सोचने लगे।
युसूफ समझ नहीं पा रहे थे कि मरियम के गर्भ में किसका बच्चा पल रहा है। बाइबल में लिखी घटना के मुताबिक यूसुफ ने मरियम को छोड़ देने का फैसला किया लेकिन उन्होंने सपने में देखा कि एक दूत कह रहा है कि मरियम के गर्भ में पल रहा बच्चा पवित्र आत्मा है। ईश्वर के जरिए मरियम के गर्भ में पवित्र आत्मा को भेजा गया है। उन्हें इसे जन्म देना पड़ेगा। देवदूत गेब्रियल ने बताया कि वो अपने गर्भ से पुत्र को जन्म देगी। यूसुफ ने तब तक उनसे विवाह नहीं किया जब तक यीशु का जन्म नहीं हो गया। कुंवारी मां बनने की वजह से मरियम को ईसाई धर्म में विशेष जगह मिला हुआ है।