नई दिल्लीः देव दीपावली को राजकीय सम्मान मिलने के बाद हुए पहले आयोजन में प्रशासन के साथ सभी विभागों ने कमान संभालने का कार्य किया। नगर निगम, विकास प्राधिकरण संग अन्य सरकारी विभागों ने भी इस आयोजन में कार्य किया। नमो घाट से लेकर अस्सी घाट तक सजावट पर तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए।
इसके साथ ही पर्यटन विभाग ने दीया, बाती और अन्य आयोजन पर दो करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च किया। पहली बार आठ लाख सैलानी देव दीपावली का साक्षी बनने के लिए काशी पहुंचे। सबसे अहम 70 देशों के राजदूतों की मौजूदगी से पूरी दुनिया में इस महाआयोजन की चर्चा हो रही है। राजकीय मेले के रूप में पहली बार सोमवार को यह आयोजन हुआ। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि राजकीय मेला घोषित होने के बाद इसके सभी आयोजन में होने वाले खर्च को शासन वहन करेगा।
कार्तिका पूर्णिमा के स्नान और देव दीपावली के वजह से सोमवार की सुबह चार बजे से लेकर रात 10 बजे के बाद तक शहर की सड़कों पर यातायात की भारी भीड़ रही। कमिश्नरेट की ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर सुबह से ही सक्रिय नजर आई, लेकिन श्रद्धालुओं और सैलानियों के हुजूम के कारण यातायात व्यवस्था संबंधी सारे इंतजाम भी कम पड़ गए। यातायात का सर्वाधिक दबाव लंका से सामने घाट होते हुए रामनगर और लंका से अस्सी, शिवाला, गोदौलिया, मैदागिन होते हुए राजघाट तक रहा। इसी तरह से कैंट स्टेशन से राजघाट व सिगरा मार्ग, गोदौलिया से गुरुबाग होते हुए रथयात्रा मार्ग और लहुराबीर से मैदागिन मार्ग पर भी यातायात का भारी हुजूम रहा।
कई लोग ऐसे भी रहे जो बगैर इजाजत के ही ड्रोन से देव दीपावली की अद्भुत छटा को कैद करत नजर आए। भीड़ में शामिल लोग जब शोर मचाने लगे कि ड्रोन उड़ रहा है तो उससे संबंधित लोगो ने उड़ान रोक दी।
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